पाकिस्तानः क्रिसमस के दिन पाकिस्तान के ख्रीस्तीय ईश निन्दा कानून के विरुद्ध प्रदर्शन
करेंगे
पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून के तहत ईसाई महिला आसिया बीबी को एक अदालत द्वारा प्राण
दण्ड देने की सज़ा सुनाये जाने के बाद पाकिस्तान के ख्रीस्तीय समुदाय ने क्रिसमस के दिन,
देश में लागू ईश निन्दा कानून के विरुद्ध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
पाकिस्तान
की ऑल क्रिस्टियन पार्टीज़ कॉनफरेन्स ने विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है ताकि ईश निन्दा
कानून के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके। एक ख्रीस्तीय नेता जोसफ़ फ्राँसिस
ने बी.बी.सी. को बताया कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन लाहौर में विरोध प्रदर्शन किया
जाएगा और पूरे देश में ईसाई समुदाय अपने घरों और गिरजाघरों की छतों पर काले ध्वज फहरायेंगे।
लाहौर की उच्च अदालत इस समय ईश निन्दा कानून की आरोपी आसिया बीबी की अपील पर
विचार कर रही है जिससे देश में उक्त कानून के पक्ष एवं विपक्ष में विचार विमर्श गहन हो
उठा है। रूढिवादी इस्लामी दलों ने उक्त कानून को कायम रखने के लिये पहले ही से विरोध
प्रदर्शनों का ऐलान किया है। आसिया बीबी को राष्ट्रपति द्वारा क्षमा किये जाने का भी
वे विरोध कर रहे हैं।
ख्रीस्तीय नेताओं का कहना है कि आसिया बीबी निर्दोष हैं
तथा उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरण में कई ख़ामियाँ हैं। उन्हें दी गई प्राण दण्ड की सज़ा
को भी उन्होंने अनुचित बताया तथा यह आशंका भी व्यक्त की कि जेल में आसिया की हत्या की
जा सकती है।
20 दिसम्बर को पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री
शाहबाज़ भट्टी के नेतृत्व में एक ख्रीस्तीय प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी
से मुलाकात कर आसिया बीबी के लिये क्षमा दान तथा ईश निन्दा कानून को रद्द किये जाने की
मांग की।
ख्रीस्तीयों की मांग है कि पाकिस्तानी संविधान की धाराएँ 295 ए
और 295 बी को तुरंत ख़त्म किया जाए क्योंकि व्यक्तिगत झगड़ों का बदला लेने के लिये इनका
दुरुपयोग होता रहा है। ईश-निंदा कानून के तहत क़ुरान, हज़रत मुहम्मद और इस्लाम की निन्दा
करनेवाले को मौत की सज़ा हो सकती है।