2010-12-16 18:29:28

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
15 दिसंबर, 2010


रोम,15 दिसंबर, 2010 (सेदोक, वीआर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पापा पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा- मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षामाला में संत वेरोनिका गियुलियानी के जीवन पर मनन चिन्तन करें। वेरोनिका एक कपुचिन धर्मबहन थी जिसका जन्म 350 ईस्वी में हुआ था।

अपने नाम के अनुरूप वेरोनिका क्रूसित येसु की सच्ची तस्वीर या छाप थी। उन्होंने अपने जीवन में येसु का गहरा अनुभव किया विशेष करके येसु के सिर पर काँटों का मुकुट का और उसके घाव का।

संत वेरोनिका की डायरी से उनकी आध्यात्मिकता की गहराई का पता चलता है। उसकी आध्यात्मिकता येसु पर केन्द्रित थी। वह अपने दुनिया की सभी चीजों को येसु के प्रेम के प्रकाश में अनुभव करती थी। येसु का प्रेम जिसे उन्होंने अपने दुःखभोग के द्वरा प्रकट किया था।

और वेरोनिका ने भी अपने को येसु के बलिदान के साथ से एक कर लिया था इस मतलब से कि लोगों की आत्माओं को मुक्ति मिल सके। वेरोनिका को धर्मग्रंथ बाईबल से भी गहरा प्यार था ।

और उन्हें संतों की संगति का गहरा अनुभव था। वेरोनिका की आध्यात्मिकता का सार उसके उन शब्दों में है जिन्हें उन्होंने उस समय कहा जब वे मृत्युशय्या में थीं। उन्होंने कहा था कि " मैंने प्रेम को प्राप्त कर लिया। " आज हम प्रार्थना करें कि

संत वेरोनिका गियुलियानी का जीवन हमें प्रेरित करे ताकि हम ईश्वर और कलीसिया के प्रेम में बढ़े और येसु के साथ एक होकर पापियों की मुक्ति के लिये कार्य कर सकें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने नोर्थ अमेरिकन कॉलेज के पुरोहितों, धर्मसमाजियों, धर्मबहनों, आयरलैंड तीर्थयात्रियों, और उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति का कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।











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