2010-12-15 13:29:43

वाशिंगटनः अमरीकी आयोग चाहता है कि राष्ट्र संघ ईराक के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की मदद करे


अमरीकी केन्द्रीय सरकार का अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी आयोग यू.एस.सी.आय.आर.एफ. ईराक के ख्रीस्तीयों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु प्रयासों को दुगुना किये जाने की मांग कर रहा है तथा निवेदन कर रहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा परिषद का उपयोग, ईराक के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों एवं अन्य अल्पसंख्यकों की समस्याओं को सुलझाने के लिये, एक मंच रूप में किया जाये।

ईराक पर, बुधवार के लिये निर्धारित, सुरक्षा परिषद की बैठक को दृष्टिगत रख अमरीकी केन्द्रीय सरकार के अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी आयोग ने एक वकतव्य जारी किया।

आयोग ने कहा, "ख्रीस्तीयों पर हाल के आक्रमणों से इस बात के स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि ईराक के अल्पसंख्यक ख़तरे में पड़े हैं। वे अपने आराधना स्थलों एवं धार्मिक नेताओं पर हिंसा का सामना करते हैं जिनमें हत्याएँ भी शामिल हैं। साथ ही उन्हें धमकियों, बलात विस्थापन, भेदभाव, हाशियेकरण एवं उपेक्षा भाव का भी सामना करना पड़ता है।"

वकतव्य में कहा गया, "आक्रमणों एवं हिंसा के परिणामस्वरूप ईराक में इन प्राचीन समुदायों का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ गया है।" यह चेतावनी दी गई कि इन समुदायों की विविधता एवं मानवीय समृद्धि से यदि ईराक वंचित हुआ तो इससे सुरक्षित, स्थायी एवं प्रजातंत्रवादी ईराक के भविष्य पर गहरा आघात होगा।

आयोग ने अमरीकी सरकार का आह्वान किया कि वह ईराकी ख्रीस्तीयों एवं वहाँ के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हेतु प्रयासों को दुगुना करे तथा ईराक की गम्भीर समस्याओं पर बातचीत हेतु अन्तरराष्ट्रीय मंच का उपयोग करें।

आयोग ने सुझाव रखा कि अमरीकी सरकार सम्पूर्ण ईराक में उन स्थलों का पता लगाये जहाँ ख्रीस्तीय एवं अल्पसंख्यक निवास करते है तथा जहाँ वे आराधना अर्चना के लिये एकत्र होते हैं तथा इन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा का प्रबन्ध करे।











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