2010-12-14 12:48:57

कोलोम्बोः रिज़ाना नफ़ीक की प्राण रक्षा हेतु श्री लंका के मुसलमान एवं काथलिक एकजुट


श्री लंका में मुसलमान एवं काथलिक धर्मानुयायियों ने रिज़ाना नफीक की प्राण रक्षा हेतु अपने अभियान को तेज़ कर दिया है। इस्लाम धर्मानुयायी नौकरानी रिज़ाना एक नवजात शिशु की हत्या के आरोप में साऊदी अरब की एक जेल में 2005 से सज़ा काट रही है।

रविवार को श्री लंका के गाल्ले ज़िले के तीन मस्जिदों में रिज़ाना की रिहाई हेतु प्रार्थना की गई। मस्जिदों ने साऊदी अरब के राजा अब्दुल्ला बिन अब्दुल अज़ीज अल साऊद को भेजने के लिये एक याचिका भी तैयार की है जिसमें युवती के लिये क्षमा की याचना की गई है।

इस बीच, अन्तरराष्ट्रीय काथलिक उदारता संगठन कारितास की श्री लंकाई शाखा के निर्देशक काथलिक पुरोहित फादर जॉर्ज सिगामोनी सन् 2007 से रिज़ाना की रिहाई हेतु कार्यरत रहे हैं। उन्होंने श्री लंका के सभी काथलिकों से प्रार्थना की अपील की है।

10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस के दिन श्री लंका के मस्जिदों में रिज़ाना के लिये नमाज़ अता की गई तो दूसरी ओर गमपाहा ज़िले में मरियम तीर्थ पर काथलिक धर्मानुयायियों ने भी इसी मनोरथ के लिये प्रार्थनाएँ अर्पित कीं।

"सेव रिज़ाना" शीर्षक से श्री लंका के इस्लाम एवं काथलिक धर्मानुयायियों ने साऊदी अरब के राजा को प्रेषित करने के लिये एक याचिका भी तैयार की है।

17 वर्ष की आयु में श्री लंका के मुत्तुकर ज़िले से एक जाली पासपोर्ट के आधार पर रिज़ाना को घरेलु नौकर रूप में साऊदी अरब पहुँचाया गया था। सन् 2005 से वह एक नवजात शिशु की हत्या के आरोप में कारावास में बन्द है। आरोप की पुष्टि हो जाने पर उसे प्राण दण्ड दिया जा सकता है।








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