राष्ट्रपति राजपक्षा ने नवनिर्वाचित कार्डिनल रंजीत की तारीफ़ की
कोलोम्बो, 13 दिसंबर, 2010 ( एशियान्यूज़) श्री लंका के राष्ट्रपति राजपक्षा ने कहा
कि वे नवनिर्वाचित कार्डिनल मालकोल्म रंजीत की ‘सराहना’ करते हैं क्योंकि उन्होंने देश
की मर्यादा को उस समय बचाया जब श्रीलंका दुनिया के एक बहुत ही खतरनाक आतंकवादी संगठन
लिट्टे के विरुद्ध कारवाई कर रहा था।
राष्ट्रपति राजपक्षा ने उक्त बातें उस समय
कहीं जब नवनिर्वाचित कार्डिनल रंजीत के आदर में 6 दिसंबर को भंडारनायके मेमोरियल इंटरनैशनल
कोन्फेरेन्स हॉल में एक अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि
" महाधर्माध्यक्ष रंजीत को कार्डिनल बनाया जाना पूरे देश के लिये गौरव की बात है।"
इस अवसर पर बोलते हुए कार्डिनल माल्कोल्म रंजीत ने कहा कि श्रीलंका का काथलिक
समुदाय सदा ही राष्ट्रपति के उस प्रयास का साथ देगा कि देशवासियों के बीच से अविश्वास
की भावना दूर हो और श्रीलंका से आतंकवाद का सफाया हो। कार्डिनल ने कहा कि देश की वर्तमान
समस्या का समाधान " वार्ता और सहयोग " से ही सभव हो सकता है।
उन्होंने कहा छोटे-छोटे
लिट्टे ईकाइयों को समाप्त करने के लिये उत्तरी श्रीलंका में एक सिविल प्रशासन की स्थापना
की जानी चाहिये और काथलिकों को इस बात का आश्वासन दिया जाना चाहिये कि वे अपनी जन्मभूमि
की प्रगति के लिये समर्पित हैँ ।
इस अवसर कार्डिनल रंजीत ने देश के बाहर रह
रहे पुरोहितों को चेतावनी दी कि वे देश को बाँटने का प्रयास न करें। उन्होंने राजपक्षा
के शांति प्रयासों की खुलकर तारीफ़ की।
विदित हो कार्डिनल रंजीत ने रोम में 20
नवम्बर को आयोजित एक भव्य समारोह में को संत पापा के हाथों में कार्डिनल की ‘लाल टोपी’
ग्रहण की। कार्डिनल रंजीत के नागरिक अभिनन्दन समारोह में संत पापा के राजदूत जोसेफ स्पेतरी,
पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका भंडारनायके कुमारतुंगा, पार्लियामेंट के स्पीकर चमाली राजपक्षा,
विपक्ष के नेता रनिल विक्रमसिंघे और मुख्य न्यायाधीश अशोक डी सिल्भा भी शामिल हुए।
अपनी
नयी ज़िम्मेदारी के बारे में बताते हुए कार्डिनल रंजित माल्कोल्म ने कहा कि यह उनके लिये
एक ‘सुअवसर’ है ताकि वे स्थानीय कलीसिया के साथ सार्वभौमिक कलीसिया की सेवा बखूबी कर
सकें।