यूखरिस्तीय संस्कार पर आधारित ख्रीस्तीय समुदाय का निर्माण हो- संत पापा
वाटिकन सिटी, 13 दिसंबर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें वे पल्लियों से आग्रह
किया है कि ऐसे सामुदायिक जीवन को बढ़ावा दे जो ईशवचन और ख्रीस्तीय संस्कारों पर केन्द्रित
हो।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने रोम धर्मप्रांत के संत मक्सीमिलियन
कोल्बे पारिस में यूखरिस्तीय बलिदान के समय प्रवचन दिये ।
संत पापा ने लोगों
को इस बात का प्रोत्साहन दिया कि ऐसा ख्रीस्तीय समुदाय का निर्माण करें जिसके सदस्य प्रभु
का वचन सुनते हों और संस्कारों को ग्रहण करते हों विशेष करके यूखरिस्तीय बलिदान संस्कार
को।
उन्होंने कहा कि जो भी ईसाई यूखरिस्तीय समारोह में हिस्सा लेता है वह इस
बात को सहज ही जान लेता है कि उसे ईश्वरीय प्रेम और ईशवचन को लोगों तक पहुँचाना है इसीलिये
ईसाइयों के लिये यूखरिस्तीय बलिदान उनके जीवन का केन्द्र है।
संत पापा ने वार्तालाप
के बारे में बोलते हुए कहा कि हमें चाहिये कि हम विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और विभिन्न
सामाजिक पृष्टभूमि के लोगों के साथ आपसी समझदारी दिखायें।
इसके साथ ही लोग ज़रूरतमंद
व्यक्तियों को न भूलें। पल्लियों में प्रत्येक व्यक्ति इस बात का अहसास करे कि ख्रीस्तीय
जीवन की मूलभूत विशेषता है, - सामुदायिक जीवन ।
पारिवारिक जीवन के बारे बोलते
हुए संत पापा ने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद दम्पतियों को चाहिये को चाहिये कि एक
दूसरे के प्रति वफादार रहें और उस ‘हाँ’ के प्रति ईमादार रहें जिसे उन्होंने विवाह के
दिन कहा था। वफ़ादारी बने रहने के लिये – साहस, उदारता और बलिदान की ज़रूरत होती है।