रोम, 9 दिसंबर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि माता मरिया के
लिये सर्वोत्तम उपहार हमारी प्रार्थना है।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं
जब उन्होंने जब माता मरिया के निष्कलंक गर्भागमन के महोत्सव पर रोम के ‘पियात्सा दि स्पानिया’
(स्पानिया के प्राँगण) में स्थापित माता मरिया की प्रतिमा के चरणों में गुलाब फूलों की
एक टोकरी भेंट कीं।
विदित हो कि पियत्सा दि स्पानिया में ‘निष्कलंक स्तंभ’ को
सन् 1857 में निष्कलंक गर्भागमन संबंधी धर्मसिद्धांत या डोगमा की घोषणा के तुरन्त बाद
स्थापित किया गया था।
रोम की परंपरा के अनुसार कि 8 दिसंबर को माता मरिया के
निष्कलंक गर्भामन के त्योहार के दिन संत पापा स्पानिया के प्रांगण में जाकर माता मरिया
के आदर में पुष्प अर्पित करते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने कहा कि
" रोमवासियों के लिये यह त्योहार ऐतिहासिक पल है जब यह स्थल फूलों से सजा है जो माता
मरिया के प्रति लोगों के प्रेम और भक्ति का चिह्न है।"
उन्होंने कहा कि " माता
मरिया के लिये सर्वोत्तम उपहार है हमारी प्रार्थना जो हमारे दिल में है और जिन्हें हम
निवेदन के रूप में माता के द्वारा ईश्वर को चढ़ाते हैं। "
प्रार्थनायें
दिल के धन्यवादी उद्गार और याचनायें है। धन्यवादी उद्गार इसलिये क्योंकि हमने विश्वास
के साथ और कई अन्य वरदान प्राप्त किये है और याचना क्योंकि हमारे जीवन में कई तरह की
ज़रूरतें हैं विशेषकर के हमारे परिवार के लिये स्वास्थ्य और हमारे कामों की सफलता के
लिये। संत पापा ने कहा कि आज माता मरिया को कुछ दान के रूप में चढ़ाने से ज्यादा
ध्यान देने की बात है इस बात को सुनना की माता मरिया हमसे क्या कहना चाहतीं हैं। माता
मरिया शरीरधारी ईश्वरीय शब्द येसु मसीह के द्वारा हमें कुछ बताना चाहतीं है। उनका संदेश
येसु को छोड़ और कोई दूसरा हो ही नहीं सकता है। यह इसीलिये क्योंकि माता मरिया का जीवन
येसु पर ही केंद्रित रहा। माता मरिया आज पूरे विश्वास और सहानुभूति के साथ कह रही
है कि " तुम डरो मत ईश्वर तुम्हें प्यार करता है वह तुम्हें व्यक्तिगत रूप से प्रेम करता
है। ईश्वर ने तुम्हारे बारे में विचार किया, तुम्हें बुलाया ताकि तुम्हें प्रेम और पूर्ण
जीवन प्रदान करे। और इसी लिये वह तुमसे मिलने आया है । उसने पाप को छोड़ कर अपने
को सब कुछ में तुम्हारे समान बनाया, अपने को इतना करीबी से दिया कि अपने को क्रूस पर
बलिदान कर दिया।और इस प्रकार उन्होंने तुम्हें एक नया जीवन स्वतंत्रता और पवित्र जीवन
दिया। संत पापा ने कहा कि माता मरिया की कृपा दृष्टि प्रत्येक जन पर बनी रहती है।
" हालांकि लोग हमारे बारे में बुरी बातें कर पर माता मरिया सदा हमारा भला सोचती है क्योंकि
उसका निष्कलंक ह्रदय ईश्वरीय दया से जुड़ा रहता है। संत पापा ने कहा कि माता मरिया
हमारे लिये अपने शब्दों से नहीं पर अपने जीवन के घटनाओं से आस्था और आशा का संदेश दे
रही है। लोगों को संबोधित करने के बाद में संत पापा ने माता मरिया की मध्यस्थता
से प्रार्थना की कि वे रोम की रक्षा करें, बीमारों को चंगाई, युवाओं को उत्साह, परिवारों
को आशिष और बुराई का त्याग और अच्छाइयों का चयन करने की शक्ति प्रदान करें।