2010-12-06 20:37:42

पिलार धर्मसमाज देश का एक मुख्य मिशनरी संगठन


गोवा, 6 दिसंबर, 2010 (उकान) गोवा में स्थापित पिलार धर्मसमाज को देश का एक मुख्य मिशनरी संगठन है। उक्त बात कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने उस समय कहीं जब उन्होने 3 दिसंबर को संत पापा द्वारा पिलार धर्मसमाज को परमधर्मपीठीय दर्जा दिये जाने के अवसर पर आयोजित यूखरिस्तीय समारोह में प्रवचन दिये।
उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठीय दर्ज़ा दिये जाने का अर्थ है पिलार धर्मसमाज अब आंतरिक शासन और प्रशासन के लिये पोप के शक्ति के तहत् कार्य करेगा।
कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि संत पापा की ओर से मान्यता प्राप्त कर लेने से पिलार धर्मसमाज को सुसमाचार प्रचार की ज़िम्मेदारी बढ़ गयी है ।
इस अवसर पर बोलते हुए एशिया के प्रथम आदिवासी कार्डिनल राँची के महाधर्माध्यक्ष तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि पिलार समाज ने भारत में सुसमाचार के चौथे चरण में विशेष भूमिका अदा की है।
उन्होंने बताया कि भारत में पहले चरण के सुसमाचार में प्रेरित संत थोमस और बारथोलोमी ने पोर्तुगल से आकर धर्मप्रचार किया। दूसरा चरण और तीसरे चरण में यूरोपीय मिशनरियों ने अपना योग दान दिया और चौथे चरण में स्थानीय और धर्मसमाजों ने अपना योगदान दिया।
इस अवसर पर पिलार धर्मसमाज के सुपीरियर जेनरल फादर टोनी लोपेज़ ने कहा कि उनका धर्मसमाज पोर्तुगीज मिशनरियों के मेहनत का फल है।
काथलिक कलीसिया के द्वारा धर्मसमाज की मान्यता से उनका एक सपना पूरा हो गया है और भविष्य में सुसमाचार प्रचार पूरे उत्साह से करने का दरवाज़ा भी खुल गया है।











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