एरबिल, 4 दिसंबर, 2010 (एशियान्यूज़) ईराक की ‘कौंसिल ऑफ क्रिश्चियन रेलिजियस लीडर्स’
ने बगदाद के सिरियक ऑर्थोडॉक्स कथीड्रल में हुए शहीदों के लिये 9 दिसंबर को एक दिवसीय
प्रार्थना और उपवास करने का कार्यक्रम बनाया है।
उक्त कार्यक्रम का निर्णय उस
समय लिया गया जब विभिन्न ईसाई धार्मिक नेताओं ने उत्तरी ईराक के एरबिल में ईराक की स्थिति
की समीक्षा के लिये 3 दिसंबर शुक्रवार को एक सभा बुलायी।
विदित हो कि 31 अक्तूबर
को अल क़ायदा से जुड़े आतंकवादियों ने ‘आवर लेडी ऑफ परपेचुवल हेल्प’ महागिरजाघर में घुस
कर उस समय गोलियाँ चला दीं जब लोग यूखरिस्तीय बलिदान में हिस्सा ले रहे थे जिससें 58
लोगों की मौत हो गयी थी और 70 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
एरबिल में
एकत्र ईसाई नेताओं ने इस बात पर भी विचार किया कि वे राजनीतिक पार्टी के नेताओं से मिलकर
ईसाई समुदाय की सुरक्षा के बारे में बातें करेंगे।
वे चाहते हैं कि सरकार उनकी
सुरक्षा के लिये कोई ठोस कदम उठाये। ईसाई नेताओं ने इस बात पर भी विचार करने का निर्णय
किया है कि कुरदिसतान के जो पाँच सौ परिवार अब शरणार्थी बन गये गये हैं उनके बच्चों के
लिये सरकार शिक्षा और नौकरी की व्यवस्था करे।
एशिया न्यूज़ के अनुसार बुधवार
को ईराक मानवाधिकार विभाग ने एक सभा का आयोजन किया था जिसके लिये प्रस्तावित निमंत्रण
को ईसाई नेताओं ने यह ठुकरा दिया कि सरकार पहले ईसाइयों की सुरक्षा की उचित व्यवस्था
करे तब ‘सहअस्तित्व और सामाजिक सहनशीलता’ की बात करे।