2010-12-01 18:35:33

कार्डिनल अलबर्ट माल्कोल्म रंजित का भव्य स्वागत


कोलोम्बो, 1 दिसंबर, 2010 (ज़ेनित) काथलिक और बौद्ध धर्मावलंबियों ने मिलकर कोलोम्बो के कार्डिनल माल्कोल्म रंजित का भव्य स्वागत किया। उकान समाचार के अनुसार श्री लंका के प्रधानमंत्री डी.एम जयारत्ने ने कहा कि " श्रीलंका को कार्डिनल रंजित पर गर्व है। "

माननीय बौद्ध भिक्षु अकुरास्से थेरे ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि श्रीलंका की धरती ने एक योग्य पुत्र रत्न को पैदा किया जिसपर देश की काथलिक कलीसिया के मार्गदर्शन की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है।

एक अन्य बौद्ध भिक्षु कलुपहाना पियारत्न थेरो ने कहा कि कार्डिनल रंजित ने देश में अंतरधार्मिक सद्भावना की दिशा में सदा ही अपना योगदान दिया है।

फादर बासिल विकरमसिंघे ने कहा कि महाधर्मध्यक्ष रंजित को कार्डिनल के पद भार सौंपा गया क्योंकि उन्होंने सदा ही ग़रीबों के उत्थान के लिये अपनी सेवायें दी हैं।

उकान समाचार ने बताया कि कार्डिनल रंजित भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुँचने के तुरन्त बाद रागामा महागिरजाघर में गये और प्रार्थनायें कीं।

उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि वे उनके लिये प्रार्थनायें करें ताकि वे उनकी सेवा कर सकें।

विदित हो कि कार्डिनल रंजित पिछले एक साल से कोलोम्बो के धर्माध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे और संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 20 नवम्बर को उन्हें 23 अन्य धर्माध्यक्षों के साथ कार्डिनल की ज़िम्मेदारी सौंपी।

रोम में सम्पन्न हुए कार्डिनल घोषणा की धर्मविधि में श्रीलंका के 200 प्रतिनिधि 70 पुरोहित अनेक धर्मबहनें और लोकधर्मी सहित पार्लियामेंट के 6 सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।

कार्डिनल मालकल्म रंजित श्रीलंका के दूसरे कार्डिनल हैं। इसके पूर्व कार्डिनल थोमस बेनजामिन कूरे को कार्डिनल बनाया गया था पर उनकी मृत्यु सन् 1988 ईस्वी में ही हो गयी।

कार्डिनल 4 दिसंबर को आवर लेडी ऑफ कोटाहना के महागिरजाघर में धन्यवादी यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाएँगे।







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