जम्मू कश्मीर धर्मप्रात की स्थापना का रजत जयंती वर्ष समारोह
भारत में जम्मू कश्मीर धर्मप्रात की स्थापना का रजत जयंती वर्ष समारोह मनाया जा रहा है।
एक साल तक चलनेवाले रजत जयंती समारोह का शुभारम्भ 21 नवम्बर को किया गया। जम्मू कश्मीर
धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेलेस्टीन एलम्पाशेरी ने 23 नवम्बर को उकान समाचार सेवा
से कहा कि आतंकवाद, मौसम की चरम स्थिति, अशिक्षा और निर्धनता धर्मप्रांत के लिए ख्रीस्त
की शिक्षा का अभ्यास करने का अवसर हैं। मुसलमान बहुल राज्य जम्मू और काश्मीर आतंकवादी
और अ्लगाववादी हिंसा से प्रताडि़त रहा है। राज्य की आबादी लगभग 90 लाख है जिसमें मात्र
14 हजार ईसाई हैं। 12 वर्ष पूर्व इस धर्माप्रांत के धर्माध्यक्ष बनाये गये कापुचिन
धर्माध्यक्ष एलम्पाशेरी ने कहा कि काथलिकों और मुसलमानों के मध्य सौहार्दपूर्ण संबंध
हैं तथा दोनों समुदाय राज्य और लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करते रहे हैं। उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार भी कलीसिया के प्रति उदार है और इसे समर्थन देती है। विभिन्न स्थानों
में चर्च बनाने के लिए भूमि दान में दिया है। धर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि कश्मीरी जनता
की जरूरतों को पूरा करने के लिए कलीसिया तत्पर रही है और लोगों को शिक्षा, बुनियादी स्वास्थय
सेवा तथा मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके अतिरिक्त भूकम्प, बाढ़ और अनय प्राकृतिक
आपदाओं के समय राहत और पुर्नवास के काम में भी कलीसिया शामिल हुई है। धर्माध्यक्ष
एलम्पाशेरी ने कहा कि साल भर चलनेवाले रजत जुबिली वर्ष में लोकधर्मियों के लिए सेमिनार
और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। प्रोफेशनल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का
प्रसार करने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। धर्मप्रांत के विकास पर एक डोक्यूमेंटरी
भी तैयार की जा रही है। धर्मप्रांत के सम्प्रेषण निदेशक फादर आश्विन लोबो ने कहा कि लोगों
का अपने धर्म में विश्वास बढ़ा है क्योंकि वे कलीसियाई गतिविधियों में सक्रिय सहभागी
होते हैं।