येरुसालेम, 24 नवम्बर, 2010 (सीएनए) अरब के ईसाइयों ने माँग की है कि जो ईसाई ईराक में
अपने ख्रीस्तीय विश्वास के लिये शहीद हो गये उन्हें संतों के रूप में मान्यता दी जाये।
सीएनए समाचार सूत्रों के अनुसार अरब ईसाइयों ने कहा है कि 31 अक्तूबर को बगदाद के
आवर लेडी ऑफ साल्भेशन सीरियन कैथोलिक चर्च में जिन लोगों ने धर्म के लिये अपने प्राण
दिये हैं उनका खून हमारे लिये प्रेरणा है अतः उन्हें संतो का दर्ज़ा दिया जाये। विदित
हो कि 31 अक्तूबर को सीरियन कैथोलिक चर्च में हुए हमले में 50 लोगों की मौत हो गयी थी
जिनमें दो पुरोहित, फादर थाइर सदाल्ला और फादर वसीम सबीद अल्कास बूतरोस शामिल थे। संत
बनाने की माँग करने वाले ने कहा कि वे चाहते हैं कि वे जान का खतरा मोल कर ही सही लेकिन
उस भूमि को नहीं छोड़ेंगे जहाँ येसु मसीह ने अपने प्राण दिये, जी उठे और उसके चेलों
ने हमारे पुरखों को सुसमाचार सुनाया। उन्होंने जिन अन्य लोगों के नामों की सूची
जारी की है उनमें सिस्टर फौजियाह और माग्रेट के नाम भी शामिल हैं जिनकी मृत्यु 26 मार्च
2007 को हो गयी थी। इनके साथ मोसुल में 3 जून 2007 को काल्डियन पुरोहित रघीद अज़ीज
गन्नी और सुबदीकोन्स यूसुफ, वाहीद हन्ना इशो और गस्सान इस्साम बिदाविद शामिल हैं। इन
नामों के अलावा मोसुल के महाधर्माध्यक्ष पौलुस फराज जिसे 13 मार्च 2008 गोली मार दिया
गया और अनेक ऑर्थोडॉक्स ईसाई पुरोहित और प्रॉटेस्टंट मिनिस्टर के नाम भी शामिल हैं।