वाटिकन सिटी, 20 नवम्बर, 2010 (एपी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 20 नवम्बर, शनिवार
को संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित एक भव्य समारोह में यूखरिस्तीय समारोह में 24 नये
कार्डिनलों को बनाया।
समारोह के आरम्भ मे ही सतं पापा ने कलीसिया के राजकुमारों
के नामों को लैटिन में पढ़ा और तब पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया
गया। 24 नये कार्डिनलों में एशिया से श्रीलंका के कोलोम्बो के महाधर्माध्यक्ष रंजित माल्कोल्म
को कार्डिनल बनाया गया है।
15 यूरोपीय देशों के हैं जिनमें दस इटली के हैं। चार
नये कार्डिनल उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका के, चार अफ्रीका के तथा एक एशिया के हैं।
विदित हो कि 24 नये कार्डिनलों में 20 अस्सी वर्ष की आयु से कम उम्र के हैं तथा भावी
संत पापा के चुनाव में मतदान के योग्य हैं।
अस्सी वर्ष की आयु से कम 20 नये कार्डिनलों
के अतिरिक्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने दो वयोवृद्ध धर्माध्यक्षों एवं दो पुरोहितों
को भी कलीसिया के प्रति उनकी उदार सेवा और समर्पण के लिये कार्डिनल की उपाधि से प्रतिष्ठित
किया। इनमें शामिल हैं: स्पेन के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष होसे मानुएल लॉरेंस, जीवन
समर्थक परमधर्मपीठीय अकादमी के पूर्वाध्यक्ष धर्माध्यक्ष एलियो स्ग्रेच्चिया, ऐतिहासिक
विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के पूर्वाध्यक्ष मान्यवर वॉलटर ब्रैण्डमुलर तथा
परमधर्मपीठीय भजन मण्डली के पूर्व निदेशक मान्यवर दोमेनिको बारतोलुच्ची।
24
नये कार्डिनलों के बनाये जाने के बाद काथलिक कलीसिया में कार्डिनलों की कुल संख्या 203
हो जायेगी जिनमें 121 अस्सी वर्ष की से कम आयु के होने के कारण भावी सन्त पापा के चुनाव
में मतदान के योग्य होंगे।
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें को तीसरी बार कार्डिनल
मंडल सभा बुलाने का अवसर मिला है और इससे कार्डिनल मंडल में करीब 40 प्रतिशत कार्डिनल
संत पापा के करीबी रहे हैं।