कंधमाल ईसाई विरोधी हत्या मामले में 2 को सजा, 31 बरी
भुवनेश्वर, 20 नवम्बर, 2010 (उकान) उड़ीसा के कंधमाल जिले में हुए ईसाई विरोधी हिंसा
के लिये एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2 लोगों को सजा सुनायी और 31 लोगों को बरी कर दिया है।
कंधमाल के एक फास्ट ट्रैक अदालते के न्यायधीश शोबान कुमार दास ने नेतरामनी प्रधान
और बामदेव प्रधान को 6 साल की सश्रम सजा सुनायी और उन पर 5-5 हज़ार का जुर्माना भी लगाया
है। उन पर हत्या का आरोप है। अदालत के अनुसार दोनों अभियुक्त 6 हज़ार की उस उत्तेजित
भीड़ में शामिल थे जिसने सन् 2008 में कंधमाल जिले में तीन गाँवों में हमला किया था।
इस हमले में 2 ईसाई मारे गये 8 घायल हुए थे और 200 से अधिक घरों को जला दिया गया था।
उकान समाचार ने बताया कि जिन लोगों को इस केस से बरी कर दिया है उनमें बीजेपी के
विधायक मनोज प्रधान भी शामिल हैं। अदालत के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए
स्वयंसेवक मनोज कुमार नायक ने कहा कि अदालत ने सिर्फ़ 33 लोगों पर मुकदमा चलाया और केवल
दो लोगों को सजा मिली। " यह हिंसा के शिकार लोगों के प्रति अन्याय है।" उन्होंने
इस बात के लिये भी अपनी असंतुष्टि ज़ाहिर की है कि जिन लोगों को सजा दी भी गयी उन्हें
सीधे तौर से हत्या की दोषी नहीं ठहराया गया है वरन् आपराधिक मामलों के लिये दोषी ठहराया
गया है। एक वकील फादर दीपक परिच्चा ने कहा कि अदालत के निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया
गया है कि जाँच प्रक्रिया में अभियोग पक्ष के वकील अपने पक्ष मजबूती से प्रस्तुत करने
में असमर्थ रहे हैं। इस मामले में कई गवाहों ने अपने बयान देने से इन्कार कर दिया था।
सिस्टर जस्टिन सेनापति ने कहा कि न्यायालय के ऐसे निर्णय से हिंसक वारदातें बढ़ेंगी और
ईसाइयों का मनोबल कमजोर होगा।