2010-11-15 13:24:30

21 साल बाद सू ची रिहा


म्यांमार, 15 नवम्बर, 2010 (उकान) म्यांमार की सैनिक सरकार ने लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची को नजरबंदी से रिहा कर दिया है। सू ची के घर के बाहर सैकड़ों समर्थक अपनी नेता की एक झलक पाने के लिए जमा थे। सू ची ने बालकनी में आकर अपने समर्थकों का आभार जताया।

रिहाई के बाद सू ची ने अपने घर के बाहर जुटे समर्थकों से एकजुट रहने की अपील की। सू ची ने रिहाई के बाद कहा, 'शांत रहने का एक समय होता है और बोलने का भी एक समय होता है। लोगों को एकजुट रहना चाहिए। तभी हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।' रिहाई के बारे बोलते हुए मनदालय के एक चर्च अधिकारी ने कहा कि सू ची ही म्यामार में बदलाव ला सकती है।

विदित हो कि दो दशक पहले सू ची की पार्टी ने देश में हुए आम चुनावों में भारी मतों से जीत हासिल की थी लेकिन सैन्य तंत्र ने उन्हें कभी सत्ता में नहीं आने दिया। इससे पहले उन्हें आखिरी बार वर्ष 2002 में रिहा किया गया था। इसके बाद से ही उनकी नजरबंदी की मियाद साल दर साल बढ़ाई जाती रही।

नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त नेता सू ची की नजरबंदी की डेढ़ साल की मियाद शनिवार शाम समाप्त हो रही थी और इसके खत्म होते ही अधिकारियों ने उनकी रिहाई का आदेश पढ़कर सुनाया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने सू ची के घर के बाहर लगे अवरोध हटा लिए। इसे अपने नेता की रिहाई का संकेत मानते हुए सू ची के सैकड़ों समर्थक उनकी घर की ओर दौड़ पड़े।

नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची की लोकप्रियता से वहां के सैन्य जनरल इतने भयाक्रांत हैं कि उन्होंने 65 साल की इस पतली-दुबली और मृदुभाषी नेता को पिछले 21 सालों 15 साल तक उनके घर में नजरबंद रखा।

हालांकि कुछ लोग उन्हें अतीत की हस्ती मानते हैं और कहते हैं कि नई पीढ़ी के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के उभरने के बाद उनकी प्रासंगिकता नहीं रही है लेकिन सू ची के समर्थक उन्हें बेहतर भविष्य के लिए सुनहरे अवसर के रूप में देखते हैं।


































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