पाँच आंगलिकन धर्माध्यक्षों द्वारा काथलिक बनने का फैसला
(वाटिकन सिटी सीबीसीआई, सीएनएस) पाँच आंगलिकन धर्माध्यक्षों ने चर्च औफ इंगलैंड से अपना
त्यागपत्र देकर संत पापा के साथ सामुदायिकता में रहनेवाले इंगलिश ओरदिनारियेट की स्थापना
करने की इच्छा व्यक्त की है। जिन धर्माध्यक्षों ने आंगलिकन कलीसिया का त्याग करने का
विचार किया है वे हैं- एब्बस फलीट के धर्माध्यक्ष अन्द्र बुरनहाम, रिकबोरो के धर्माध्यक्ष
कीथ न्यूटन, फुलहाम के धर्माध्यक्ष जोन ब्रोआदहुर्त, रिकबोरो के सेवानिवृत्त धर्माध्यक्ष
एडविन बारनेस तथा एकसेटर के सेवानिवृत्त सहायक धर्माध्यक्ष डेविड सिल्क। धर्माध्यक्षों
द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि वे आंगलिकन कलीसिया का त्याग कर रहे हैं क्योंकि
वे मानते हैं कि कुछेक बातें हो रही हैं जो विश्वास और व्यवस्था संबंधी आंगलिकनवाद की
ऐतिहासिक बुलाहट के अनुकूल नहीं है। ज्ञात हो कि आंगलिकन चर्च में महिलाओं को धर्माध्यक्ष
अभिषिक्त करने की अनुमति देने तथा कुछेक क्षेत्रों में समलैंगिकों को स्वीकृति देने जैसे
उदारवादी कदम उठाये जा रहे हैं। उक्त 5 धर्माध्यक्षों के फैसलों को इन आंगलिकनों निर्णयों
से खुश नहीं रहने के रूप में देखा जा रहा है। आंगलिकन कलीसिया के महाधर्मगुऱू कैंटरबरी
के महाधर्माध्यक्ष रोआन विलियम्स ने धर्माध्यक्षों के निर्णय को खेदपूर्वक स्वीकार कर
उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं जबकि काथलिक अधिकारी धर्माध्यक्ष अलन होप्स ने उन धर्माध्यक्षों
का ओरदिनारियेट फोर इंगलैंड में स्वागत किया जिसकी शीघ्र स्थापना की जाएगी। ज्ञात हो
कि एक साल पहले संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने प्रेरितिक संविधान आंगलिकानोरूम कोइतिबुस
के अनुसार आंगलिकनों के लिए विशेष व्यवस्था की संरचना करने का प्रावधान किया जिसके
अनुसार आंगलिकनों को काथलिक कलीसिया में वैसे समूह के रूप में स्वीकार कर लिया जाये जो
आंगलिकन आध्यात्मिकता और पूजनधर्मविधि की विरासत को संरक्षित रखते हुए भी रोमी काथलिक
कलीसिया के साथ पूरी तरह संयुक्त होना चाहते हैं।