ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य शांतिमय सहअस्तित्व हो
जर्मन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि ईसाईयों और मुसलमानों
के मध्य शांतिमय सहअस्तित्व होने तथा सम्पूर्ण विश्व के ईसाईयों को साहसी बन प्रस्तुत
चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है। जर्मनी में फ्रेइबुर्ग इम ब्रेइसगाऊ के महाधर्माघध्यक्ष
रोबर्ट जोलित्स ने नाईजीरिया काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
फेलिक्स अलाबा जोब के साथ शनिवार को हुई मुलाकात के समय इस तथ्य पर जोर दिया। महाधर्माध्यक्ष
जोलित्स ने अफ्रीका के ईसाईयों को प्रति अपनी सह्दयता प्रकट की जो बढ़ते सामाजिक तनावों
का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य शांतिमय सहअस्तित्व
की जरूरत है। नाईजीरिया ऐसा देश है जहाँ सब सामाजिक और धार्मिक समूहों के मध्य संवाद
होता है। उन्होंन कहा कि प्रतिदिन जीवन खतरें में है इसलिए वे नाईजीरिया में काथलिक चर्च
को प्रोत्साहन देते हैं कि अनेक चुनौतियों के सामने भी वे साहसपूर्वक पेश आयें। वे नाईजीरिया
और अफ्रीका महाद्वीप के लिए प्रार्थना अज्ञपित करते हैं। इसके साथ ही पर्यावरण की रक्षा
तथा सामाजिक और नैतिक मुददों पर भी विचार विमर्श किया गया। महाधर्माध्यक्ष जोलित्स
ने सन 2009 में नाईजीरिया का दौरा के समय महाधर्माध्यक्ष जोब और अन्य धर्माध्यक्षों के
साथ ही इस्लामिक धार्मिक नेताओं, राजनीतिज्ञों और नागर समाज के प्रतिनिधियों के साथ भी
मुलाकातें सम्पन्न की थीं। उन्होंने कहा कि नाईजीरिया की कलीसिया और जर्मनी की कलीसिया
एक दूसरे से सीख सकती हैं। हमारी मुलाकात परस्पर सराहना की अभिव्यक्ति तथा विश्व के सब
ईसाईयों के लिए सह्दयता का प्रदर्शन है जिन्हें अत्याचार और उत्पीड़न का सामना करना होता
है।