संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें स्पेन की दो दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न कर 7 नवम्बर
की संध्या पहर रोम लौट आये। विश्वास के तीर्थयात्री पुर्नजीवित ख्रीस्त का साक्ष्य शीर्षंक
से सम्पन्न स्पेन की दो दिन की संक्षिप्त प्रेरितिक यात्रा में भी संत पापा के व्यस्त
कार्य़क्रम रहे। उन्होंने दो महान नगरों सांतियागो दि कम्पोस्तेल्ला और बारसिलोना का दौरा
किया। उन्होंने दो सार्वजनिक समारोही ख्रीस्तयाग समारोहों की अध्यक्षता की। वे तीर्थयात्री
के रूप में सांतियागो दि कम्पोस्तेल्ला महागिरजाघर गये। उन्होंने बारसिलोना के विश्वविख्यात
भव्य कलात्मक सागरादा फामिलिया गिरजाघर की वेदी का अभ्यंजन कर इस चर्च को माईनर बासिलिका
का गौरव प्रदान किया तथा विकलांगों के एक केन्द्र की भेंट की।
संत पापा ने 6
नवम्बर को सांतियागो दि कम्पोस्तेल्ला में आस्ट्रियाई के राजकुमार फिलिपे तथा राजकुमारी
लेतिसिया से तथा 7 नवम्बर को बारसिलोना में सम्राट हुआन कारलोस प्रथम और रानी सोफिया,
तथा स्पेन के प्रधानमंत्री होसे लुईस रोदरिगवेज जापातेरो से मुलाकात की। इसके साथ ही
संत पापा हवाई अड्डे से लेकर जिन मार्गों से गुजरे हजारों लोगों ने उनका सहर्ष स्वागत
किया।
32 घंटे की स्पेन यात्रा के समय संत पापा ने स्पेन के दो स्वशासित प्रांतो
गालित्सिया और कटालान का दौरा कर अपना महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने सांतियागो दि
कम्पोस्तेल्ला और बारसिलोना में दिये गये प्रवचनों के समय तीर्थयात्रा, ईसाईयत और इसकी
जड़ें, नवीन सुसमाचार प्रचार, ईश्वर से साक्षात्कार, विश्वास और कला, परिवार तथा परोपकार
के महत्व आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त कर विश्वासियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
उन्हें सुसमाचार का साक्ष्य देते रहने के लिए आशा और प्रोत्साहन दिया।
संत पापा
ने रविवार 7 नवम्बर को वास्तुकार अंतोनी गाऊदी की सर्वोत्कृष्ठ रचना सागरादा फामिलिया
चर्च की वेदी का अभ्यंजन कर प्रथम ख्रीस्तयाग अर्पित किया और इसे माईनर बासिलिका का दर्जा
प्रदान किया। इसके बाद रविवारीय परम्परा का पालन करते हुए चर्च परिसर में उपस्थित भक्तों
और तीर्थयात्रियों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व सम्बोधित किया और
सबको प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।