संत पापा ने रविवार 7 नवम्बर को विश्वविख्यात सुप्रसिद्ध टेम्पियो देल्ला सागरादा फामिलिया
अर्थ पवित्र परिवार को समर्पित चर्च का अभ्यंजन करने के लिए बारसिलोना के महाधर्माध्यक्षीय
निवास से प्रस्थान किया। उन्होंने समारोही खीस्तयाग से पूर्व सागरादा फामिलिया चर्च के
परिसर में उपस्थित विश्वासियों को दर्शन देकर उनका अभिवादन किया। चर्च के बाहर विश्वासियों
की सहायता के लिए बडे बडे टीवी स्क्रीन लगाये गये थे ताकि वे चर्च के अंदर होनेवाले समारोही
कार्यक्रमों को देख सकें। ख्रीस्तयाग समारोह से पूर्व सागरादा फामिलिया चर्च के संग्रहालय
कमरे में संत पापा ने स्पेन के सम्राट हुआन कारलोस प्रथम और रानी सोफिया के साथ मुलाकात
की। भव्य सुंदर और कला तथा विश्वास के अद्भुत समन्वय को अभिव्यक्त करते इस नये सागरादा
फामिलिया चर्च में लगभग 6500 विश्वासी प्रवेश कर सकते है।
ख्रीस्तयाग समारोह
के आरम्भ में बारसिलोना के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल लुईस मार्टिनंज सिस्टाक ने संत पापा
का स्वागत किया। इसके बाद चर्च निर्माण के वर्तमान निर्देशक वास्तुकार जोरदी बोनेट ने
संत पापा का अभिवादन कर परियोजना के काम पर प्रकाश डालते हुए चर्च की चाभी संत पापा को
दिया जिसे उन्होंने स्थानीय कलीसिया के एक पुरोहित के जिम्मे सौंपा। तदोपरांत चर्च की
अभ्यंजन धर्मविधि आरम्भ हुई। संत पापा ने वेदी पर और पुरोहितों ने विश्वासियों पर पावन
जल का छिड़काव किया। धर्मसार के गायन के बाद संत पापा ने पवित्र तेल का विलेपन कर वेदी
का अभ्यंजन किया। इसके बाद धुंअन पात्र से धुँअन अर्पित किया गया। धर्माध्यक्षों ने चर्च
के आधार स्तंभों पर तेल का विलेपन कर क्रूस का चिह्न अंकित किया और सब संतों की स्तुति
विनती प्रार्थना का पाठ किया गया। तदोपरांत वेदी को फूलों और मोमबत्ती से तैयार किया
गया और संत पापा ने विश्वासियों से रोटी, दाखरस तथा कटोरा स्वीकार कर इस वेदी में पहली
बार बलि परिवर्तन की ख्रीस्तयाग धर्मविधि सम्पन्न की गयी।
समारोही ख्रीस्तयाग
के समापन से पूर्व संत पापा ने सागरादा फामिलिया चर्च को माइनर बासिलिका घोषित किये जाने
का पत्र बारसिलोना के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल सिस्टाक को सौंपा जिसे उन्होंने पढ़कर
विश्वासियों को सुनाया।