2010-11-04 16:12:41

पवित्र भूमि में शांति लोगों की सदइच्छा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता पर निर्भर


संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस चुल्लीकट ने 3 नवम्बर को कहा कि पवित्र भूमि में शांति लोगों की सदइच्छा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों की बढ़ती संख्या को सहायता पहुँचाने तथा शांति प्रक्रिया में संलग्न लोगों के प्रयासों को होली सी प्रोत्साहन देती है। स्पेशल पौलिटिकल एंड डिकोलोनाईजेशन कमिटी की बैठक को 24 कूटनैतिक मिशनों ने सम्बोधित कर फिलीस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी, यूनाईटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्कस एजेंसी फोर पैलेस्टाइन रिफ्यूजीस इन द नियर इस्ट (यूएनआरडब्लयूए) के कार्यों के बारे में अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।

वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट ने कहा कि इस्राएली और फिलीस्तीनी लगभग 6 दशकों से आतंकवाद और सैन्य कार्य़वाही के खतरों के बीच जीवन यापन करते रहे हैं। उन्होंने 1997 के संयुक्त राष्ट्र संघ के संकल्प का संदर्भ देते हुए दो देश की रचना करने और पवित्र शहर येरूसालेम को विशेष दर्जा दिये जाने का आह्वान को दुहराया जिसमें सब निवासियों के लिए धर्म और अंतःकरण की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने तथा बिना बाधा सब देशों और धर्मों के विश्वासियों का स्थायी तौर पर स्वतंत्र रूप से पवित्र स्थलों तक पहुँचना संभव हो सके। उन्होंने दोनों पक्षों से आग्रह किया कि सार्थक और वस्तुनिष्ठ संवाद करें ताकि पवित्र भूमि में शांति और स्थायित्व की स्थापना हो सके। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सब पक्षों के मध्य अर्थपूर्ण समझौता कराने के लिए सहायता करने का आग्रह किया।








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