इराक में रिडेम्पोटोरिस्ट सुपीरियर फादर विन्सेंट वान वोसेल ने कहा है कि 31 अक्तूबर
को बगदाद स्थित सीरियाई काथलिक गिरजाघर में हुई आतंकी घटना जिसमें दो पुरोहितों सहित
58 लोगों की हत्या हो गयी तथा 70 लोग घायल हो गये इस प्रकरण से इराक के ईसाई भयभीत और
सदमे में हैं। उन्होंने फीदेस समाचार सेवा से कहा कि इतने व्यापक स्तर पर जनसंहार की
घटना वह भी पवित्र यूखरिस्त के समय गिरजाघर के अंदर कभी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि
वे घटना स्थल का दौरा कर चुके हैं तथा अनेक विश्वासियों के साक्ष्य को सुना है जो सदमे
में हैं। आतंकवादियों ने निर्दयतापूर्वक महिलाओं और बच्चों की हत्या कर दीं। सारा सुमदाय
आतंकित है, गिरजाघर कब्रिस्तान के समान दिखाई दिया। फादर वान वोसेल ने कहा कि बगदाद
और शिया बहुल इलाके में हुए हमले की अनेक घटनाओं का अर्थ यह है कि न केवल ईसाई लेकिन
सम्पूर्ण क्षेत्र में आतंकवाद की भरमार है। अनेक ईसाई परिवार देश छोड़ने के लिए स्वयं
को व्यवस्थित कर रहे हैं। लोगों के सामने दुविधा की स्थिति है कि वे बेहतर भविष्य के
लिए देश का परित्याग करें या वहीं रहकर अपने जीवन को खतरे में डालें। फादर वान वोसेल
ने कहा कि जनसंहार के शिकार हुए विश्वासियों की 2 नवम्बर को सम्पन्न अंत्येष्टि में अनेक
मुसलमान नेताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने सरकार से ईसाईयों की सुरक्षा करने को कहा है।
आशा है कि इस हत्याकांड की घटना के बाद नागरिक अधिकारी इराक में ईसाईयों की करूण पुकार
को सुनेंगे तथा उनकी पीड़ाओं का अंत हो सकेगा।