उड़ीसाः बलात्कार पीड़ित धर्मबहन अदालत में प्रस्तुत हुईं
उड़ीसा के कन्धामाल ज़िले में दो वर्ष पूर्व ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के दौरान बलात्कार
की शिकार बनी काथलिक धर्मबहन सि. मीना दो नवम्बर को पहली बार अदालत के समक्ष व्यक्तिगत
तौर पर प्रस्तुत हुई।
हालांकि, बलात्कार पीड़ित सि. मीना का वकतव्य दर्ज़ नहीं
हो सका क्योंकि इस प्रकरण के लिये नियत सरकारी वकील अदालत नहीं पहुँचे।
इस प्रकरण
से संलग्न वकील फादर दिव्यसिंह पारिच्छा ने कहा, "यह निश्चित्त नहीं है कि सरकारी वकील
क्यों अदालत नहीं पहुँचे।" उन्होंने कहा कि इस कारण सि. मीना को तीन नवम्बर को उड़ीसा
की वैधानिक पीठ कटक आने पर बाध्य होना पडा।
एक सूत्र के अनुसार सरकारी वकील नाखुश
हैं क्योंकि सरकार ने उनका मुआवज़ा नहीं दिया है।
ग़ौरतलब है कि अदालत ने सि.
मीना को दो अथवा तीन नवम्बर को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने का आदेश दिया था।
सि. मीना के कन्धामाल की अदालत के समक्ष न जाने के निर्णय के बाद बलात्कार के प्रकरण
को कटक की अदालत में स्थानान्तरित कर दिया गया है। अब तक 20 गवाह सामने आ चुके हैं।