बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश
श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 27 अक्तूबर को बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों और भक्तों
को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा-
अतिप्रिय
भाईयो और बहनो,
आज हमारी धर्मशिक्षा माला स्वीडेन की संत ब्रिजिट पर केन्द्रित
है। वे सन 1303 में जन्मी और गहन विश्वास में उनका विकास हुआ। उनके और उनके पति के आठ
संतान हुए। उन्होंने अपने बच्चों के मसीही विश्वास प्रशिक्षण तथा अपने आध्यात्मिक जीवन
को महान उत्साह से जीने के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। उनके तथा उनके पति के बीच,
दाम्पत्य पवित्रता के पीछे प्रेरक शक्ति ब्रिजिट ही थीं और वे सदियों से अनेक महिलाओं
के लिए आदर्श बन गयी हैं कि कैसे परिवार का आध्यात्मिक केन्द्र बनें।
अपने पति
की मृत्यु हो जाने पर ब्रिजिट ने पुनः विवाह करने से इंकार कर दिया ताकि प्रार्थना, तपस्या
और उदारता के कृत्यों द्वारा वे प्रभु के साथ अपने संबंध को घनिष्ठ बना सकें। उन्होंने
अपनी धन सम्पत्ति दे दिया और मठ में रहने लगीं। उन्होंने अपनी प्रार्थना में अनेक गहन
रहस्यमय अनुभवों को महसूस किया। उन्होंने सन 1349 में रोम की तीर्थयात्रा की ताकि पुरूषों
और महिलाओं के धर्म संघ की स्थापना करने के लिए संत पापा की अनुमति प्राप्त कर सके जिसकी
वे स्थापना करने का मंतव्य रखती थीं और जब वे रोम में थीं उन्होंने गहन प्रार्थना और
प्रेरितिक गतिविधियों का जीवन जीया।
ब्रिजिट का निधन सन 1373 में हो गया और
वे 18 वर्ष बाद संत घोषित की गयीं। वे संयुक्त पाश्चात्य ईसाई जगत की सार्थक स्मरण करानेवाली
महिला पवित्रता की शक्तिशाली उदाहरण हैं। वे वंदनीय संत पापा जोन पौल द्वितीय के द्वारा
महान जुबिली वर्ष में यूरोप की सह-संरक्षिका घोषित की गयीं। हमारी कामना है कि उनकी मध्यस्थता
से ईसाईयों को एकता के सूत्र में बाँधने के लिए सहायता मिले और यूरोप के लोगों को आकर्षित
करे कि वे अपनी अद्वितीय और अनमोल ख्रीस्तीय विरासत की और अधिक सराहना करें ।
इतना
कहने के बाद संत पापा ने सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।