संत पापा ने इक्वेडर के राजदूत का प्रत्यय पत्र स्वीकार किया
संत पापा ने वाटिकन के लिए नवनियुक्त इक्वेडर के नये राजदूत लुईस देसीतेयो लातोरे तापिया
का प्रत्यय पत्र स्वीकार किया। इस अवसर पर उन्होंने इक्वेडोर के अधिकारियों की सराहना
की और धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा अन्य नागरिक स्वतंत्रता को यथार्थ
सामाजिक न्याय की सच्ची परिस्थितियाँ और शर्तें बताया। संत पापा ने सन 1978 में
सम्पन्न तृतीय राष्ट्रीय मरियम सम्मेलन के समय की गयी अपनी इक्वेडर यात्रा का स्मरण कर
देश में विद्यमान प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों की सराहना की। उन्होंनें बेरोजगारी,
निरक्षरता, हिंसा तथा भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए किये जा रहे उपायों और प्रयासों
की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रशंसनीय लक्ष्यों को पाने के लिए कलीसिया के मेषपालों
ने भी विशिष्ट गतिविधियों और समाधानों का प्रस्ताव किया है। वैधानिक समाधानों की
बहुलता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि सुसमाचार और कलीसिया के सामाजिक सिद्धान्त
विश्वासियों के मन और दिल को आलोकित करें ताकि वे और अधिक सौहार्दपूर्ण तथा व्यवस्थित
समाज की रचना कर सकें। शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए संत पापा ने कहा कि देश ने
प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने
का प्रस्ताव किया है। इक्वेडर में खास कर दूरस्थ इलाकों में बच्चों और युवाओं के प्रशिक्षण
में कलीसिया का सफल इतिहास रहा है। संत पापा ने स्कूली पाठयक्रम में धर्म की पढाई को
जारी रखने का आग्रह किया।