संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के प्रतिनिधि तथा परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष
फ्राँसिस चुल्लीकट्ट ने विगत सप्ताह न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में
बच्चों को उपयुक्त सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया।
इस बात के प्रति उन्होंने
ध्यान आकर्षित कराया कि विश्व में व्याप्त संघर्षमय स्थितियों में लाखों बच्चों का दास
रूप में शोषण किया जाता है तथा अनेक झगड़ों में बाल सैनिकों को लगाया जाता है। उन्होंने
कहा कि अपराधियों को दण्डित करने में भी सरकारें पीछे रहती हैं इसलिये बच्चों और युवाओं
का शोषण जारी रहता है।
महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट्ट ने कहा इस समय विश्व में लगभग
ढाई लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें उनके परिवारों से अलग कर दिया गया है। सेनाओं में भर्ती
कर इन बच्चों का यौन शोषण किया जाता, दासों के रूप में उनसे काम करवाया जाता तथा शिक्षा
आदि से वंचित कर दिया जाता है।
सभी राष्ट्रों, संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों,
नागर समाजों तथा विश्वास प्रेरित अन्तरधार्मिक संस्थाओं का महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकट्ट
ने आह्वान किया वे बच्चों को प्रेम, सुरक्षा तथा शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रभावकारी
आपसी सहयोग एवं साझेदारी हेतु प्रयास करें ताकि हिंसा एवं दुर्व्यवहार से बच्चों की रक्षा
हो सके तथा रक्तपात एवं हिंसा रहित भविष्य हेतु उनकी आकांक्षाएँ पूरी हो सकें।