अनवरत प्रार्थना का आधार हो- ईश्वर पर अटूट विश्वास- संत पापा
वाटिकन सिटी, 18 अक्तूबर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि हमें
अपेक्षित फल समय से प्राप्त न भी हो पर हमें लगातार प्रार्थना करते रहें।
संत
पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब रविवार 17 अक्तूबर को कलीसिया के 6 नये संतों की
घोषणा समारोह के लिये संत पेत्रुस महागिरजाघर प्राँगण में आयोजित यूखरिस्तीय बलिदान में
प्रवचन दे रहे थे।
संत पापा ने रविवारीय पाठों का हवाला देते हुए कहा कि कई बार
हम इस प्रलोभन में फँस जाते हैं कि हमारी प्रार्थना की सुनवाई नहीं हो रही है और हम अपने
को अन्य कार्यों में लगा देते हैं।
हम भगवान से याचना करने को छोड़ अन्य सभी मानवीय
साधनों से अपने कार्यों को सफल करने का प्रयास करते हैं।
संत पापा ने कहा कि
सुसमाचार में संत लूकस ने 18वें अध्याय में दो तरह के लोगों का चित्रण किया है। एक ओर
जो ईश्वर से न हीं डरते हैं न ही अपने पड़ोसियों की परवाह करते हैं तो दूसरी ओर जो ईश्वर
से डरते हैं।
विधवा एक कठोर न्यायकर्त्ता के पास गयी, उससे न्याय की अर्जी करती
रही, उसे अपने अनवरत निवेदनों से परेशान करती है और अन्त में उसी न्यायकर्त्ता ने उसके
लिये न्याय किया।
संत पापा ने आशा व्यक्त की कि लोग पूरे विश्वास से भगवान से
याचना करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि प्रार्थना का आधार है ईश्वर पर विश्वास।
संत
पापा ने कहा कि काथलिक कलीसिया के 6 नये संत स्तानिसलाओ, अन्द्रे बेसेत्ते, कनदीदी मरिया,
मेरी मैकिल्लोप, जुलिया सलजानो और बत्तिस्ता कामिला को काथलिक कलीसिया ने - इसी विश्वास
का सर्वोच्च पुरस्कार दिया है।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर अति उदार और दयालु हैं।
वे सदा हमारी प्रार्थनाओं को सुनने के लिये आतुर हैं इसी लिये हम पूरी आशा और आस्था के
साथ अनवरत प्रार्थना करते रहें।