इस्लाम विशेषज्ञों ने मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा को सम्बोधित किया
मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों की विशेष धर्मसभा को दो इस्लाम विशेषज्ञों ने 14 अक्तूबर
को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म, ईसाईयों और यहूदियों के लिए सम्मान करने का
प्रसार करता है , यदि मध्य पूर्व क्षेत्र से ईसाईयों का अस्तित्व मिट जाये तो सम्पूर्ण
मध्य पूर्व क्षएत्र को इससे पीड़ा होगी। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने धर्मसभा को सम्बोधित
करने के लिए दो इस्लामी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है। सुन्नी सम्प्रदाय के मुहम्मद
अल सम्मक जो लेबनान के मुख्य मुफ्ती के सलाहकार हैं तथा संवाद करने के लिए बनी लेबनान
के ईसाई-मुसलमान समिति के महासचिव हैं तथा शिया सम्प्रदाय के अयातुल्लाह सैयद मुस्तफा
मोहगहेग दामद अहमदाबदाली जो तेहरान में शहीद बेहेस्ती यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।
इस्लाम विशेषज्ञ अल सम्मक ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्य पूर्व
में न केवल ईसाई पीड़ा भोग रहे हैं और न केवल वे ही उस जनसंख्या के अंग हैं जो पलायन
करने के प्रलोभन का सामना कर रहे हैं बल्कि हम सब पीडित हैं। हम सब सामाजिक और राजनैतिक
विलम्बों में, आर्थिक और विकास अवरूद्धता में, धार्मिक और साम्प्रदायिक तनावों में सामना
कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवीन और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि धर्म की खातिर ईसाईयों
को निशाना बनाया जा रहा है यह खतरनाक है और यह न केवल ईसाईयों पर लागू होती है। उन्होंने
कहा कि ईसाईयों पर हमले कर भ्रमित चरमपंथी राजनैतिक रूप से मध्य पूर्व के समाज की संरचना
को ही धवस्त कर रहे हैं जहाँ कई सदियों से यहूदी, ईसाई और मुसलमान एक दूसरे के साथ रहते
आये हैं। चरमपंथियों ने इस्लाम को ऐसे रूप में प्रस्तुत किया है जो वस्तुतः उसके मूल
रूप को नहीं दिखाता है तथा वे इस्लाम धर्म की बुनियादी शिक्षाओं के प्रतिकूल काम कर रहे
हैं जहाँ कहा गया है कि शिक्षा जो लोगों के मध्य भिन्नता को दर्शाती है वह ईश्वर की योजना
तथा सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ईश्वर की इच्छा का परिणाम है।