वाटिकन सिटीः सुसमाचार उदघोषणा के लिये नई परमधर्मपीठीय समिति
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने नये सिरे से सुसमाचार की उदघोषणा हेतु एक नवीन परमधर्मपीठीय
समिति का उदघाटन कर उसे शताब्दियों पूर्व ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन करनेवाले देशों में
धर्म के प्रति बढ़ती उदासीनता को रोकने का कठिन कार्य सौंपा है।
मंगलवार 12
अक्तूबर को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने "ऊबीकुमक्वे एत सेमपर" अर्थात् सब तरफ एवं
सब समय शीर्षक से एक "मोतु प्रोप्रियो" यानि स्वप्रेरणा से लिखित प्रेरितिक आदेश प्रकाशित
कर उक्त नवीन समिति की स्थापना की।
21 सितम्बर को सन्त पापा द्वारा हस्ताक्षरित
उक्त प्रेरितिक आदेश 12 अक्तूबर को प्रेस के लिये प्रकाशित किया गया। जून 28 को ही सन्त
पापा ने इस नवीन समिति की घोषणा की थी।
प्रेरितिक आदेश में सन्त पापा ने इस
तथ्य की पुनरावृत्ति की है कि येसु के सुसमाचार की उदघोषणा सब तरफ एवं सब समय करना कलीसिया
का परम दायित्व है। उन्होंने कहा है कि नवीन परमधर्मपीठीय समिति, "विश्वास पर समझदारी
को प्रोत्साहित करेगी तथा मानव समाज के ख्रीस्तीय ढाँचे के पुनर्गठन का प्रयास करेगी।"
सन्त पापा ने स्पष्ट किया कि विश्व में विद्यमान विविध परिस्थितियाँ विवेकपूर्ण
निर्णयों की मांग करती है तथापि पारम्परिक ख्रीस्तीय क्षेत्रों में स्थानीय कलीसियाओं
की आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन काम नहीं है। उन्होंने कहा कि पवित्रआत्मा की कृपा के
प्रति विनम्र एवं उदार रहकर इन ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है क्योंकि पवित्रआत्मा
के सामर्थ्य से ही सुसमाचार के सन्देशवाहकों को समर्थन मिलता है।
नवीन समिति
के प्रमुख कार्यों में: नवीन सुसमाचार उदघोषणा के धर्मसैद्धान्तिक एवं प्रेरितिक अर्थ
पर चिन्तन करने का आग्रह किया गया है। साथ ही, सुसमाचार के नये तरीकों पर सन्त पापा के
विश्व पत्रों का अध्ययन करने एवं उन्हें लोगों तक सरलता से पहुँचाने हेतु ध्यान केन्द्रित
रखने; प्रेरितिक एवं समर्पित जीवन सम्बन्धी नवीन कलीसिया समुदायों की पहलों का प्रसार
करने; सम्प्रेषण माध्यम के आधुनिक तरीकों का अध्ययन कर उन्हें सुसमाचार उदघोषणा हेतु
प्रयोग में लाने तथा वर्तमान युग के स्त्री-पुरुषों को विश्वास में सुदृढ़ करने के लिये
काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया गया है।
वाटिकन
के वरिष्ठ धर्माधिकारी महाधर्माध्यक्ष रीनो फिसिकेल्ला उक्त नवीन परमधर्मपीठीय समिति
के अध्यक्ष हैं।