न्यू यॉर्कः निरस्त्रीकरण में विकास हेतु वाटिकन का समर्थन
न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में परमधर्मपीठीय मिशन के अध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष फ्राँसिस चुल्लीकट्ट ने निरस्त्रीकरण तथा अस्त्रों पर नियंत्रण को अन्तरराष्ट्रीय
सुरक्षा के लिये अनिवार्य बताया।
सोमवार को, संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की
पहली समिति में भाग लेनेवाले सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष
चुल्लीकट्ट ने प्रत्येक स्तर पर नई सोच, स्वस्थ मूल्यों, पारदर्शी राजनैतिक दृष्टि तथा
लोगों के यथार्थ विकास हेतु नवीकृत प्रयासों का आह्वान किया।
विश्व में नित्य
बढ़ते सैन्य खर्च पर उन्होंने चिन्ता व्यक्त की और कहा कि मात्र विगत दस वर्षों में विश्व
का सैन्य खर्च 49 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं शांति पर
संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा पत्र की याद दिलाकर महाधर्माध्यक्ष ने दशक पुरानी उस परमधर्मपीठीय
अपील को आवाज़ दी जिसमें कहा गया है कि सैन्य खर्च को कम कर विश्व के निर्धन लोगों को
प्राथमिक आवश्यकताएं मुहैया कराई जाये तथा संसाधनों को निर्धनता निवारण एवं विकास की
ओर अभिमुख किया जाये।
सभी स्तरों पर नाभिकीय अस्त्रों को कम करने तथा नाभिकीय
अस्त्र प्रतिबन्ध संधि को प्रभावी बनाने हेतु और अधिक प्रयासों का आह्वान करते हुए महाधर्माध्यक्ष
महोदय ने इस बात पर बल दिया कि अस्त्र एवं किसी भी प्रकार के हथियारों को बाज़ार की अन्य
वस्तुओं के बराबर नहीं समझा जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि अस्त्रों के अस्तित्व तथा उनके
उत्पादन एवं व्यापार के साथ गहन नैतिक एवं सामाजिक प्रश्न जुड़े हैं इसलिये नैतिक एवं
वैधानिक निकाय सम्बन्धी विशिष्ट सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर उनके लिये नियम बनाये
जाने चाहिये।