विभिन्नताओं के बावजूद एकता के साधन और चिह्न बनें – संत पापा
वाटिकन सिटी, 11 अक्तुबर, 2010 ( ज़ेनित) संत पापा ने कहा है कि मध्यपूर्वी राज्यों के
ख्रीस्तीय विभिन्नताओं के बावजूद एकता के साधन और चिह्न बनें। संत पापा ने उक्त
बातें उस समय कहीं जब उन्होंने परंपरागत रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व लोगों को
संबोधित किया। उन्होंने बताया कि संत पेत्रुस महागिरजाघर में मध्यपूर्वी कलीसिया
के लिये आयोजित विशेष महासभा के लिये आये धर्माध्यऑक्षों एवं प्रतिनिधियों के लिये उन्होंने
यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया है। मध्यपूर्व की कलीसिया काथलिक कलीसिया का एक अभिन्न अंग
है और जो पूर्ण रूप से काथलिक परंपरा को हमारे सामने प्रस्तुत करता है। संत पापा
ने बताया कि मध्यपूर्वी कलीसिया के लिये आयोजित इस विशेष सभा की विषयवस्तु है " मध्यपूर्व
की कलीसियाः सहभागिता एवं साक्ष्य " । उन्होंने आशा जतायी कि यह विशेष सभा मध्यपूर्वी
कलीसिया को इस बात के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करेगी कि वे विभिन्न मतभेदों के बावजूद
एकता और मेल-मिलाप के साधन और चिह्न बनें। वे अपनी एकता का प्रदर्शन उसी तरह से कर
सकें जैसा का प्रथम ख्रीस्तीय समुदाय के सदस्यों ने येरूसालेम में किया था। येरूसालेम
के प्रथम ख्रीस्तीयों का ह्रदय और प्राण एक थे। इस अवसर पर संत पापा ने विश्वासियों से
प्रार्थना की याचना की ताकि एक पखवारे तक चलनेवाली स्पेशल असेम्बली पर ईश्वर अपनी पवित्र
आत्मा भेज दे।