लीमा, पेरु 9अक्तुबर, 2010 (ज़ेनित) संत लीमा के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जुआन लुईस चिपरियानी
ने पेरु के लेखक मारियो वारगास लोसा को साहित्य के लिये नोबल पुरस्कार दिये जाने पर "
हर्ष " व्यक्त किया है।
कार्डिनल लुईस ने मारियो की तारीफ़ करते हुए कहा कि
उन्होंने स्वतंत्रता और प्रजातंत्र के बारे में अपने सशक्त विचारों को सतर्कता पूर्ण
उत्साह से व्यक्त किया है।
66 वर्षीय कार्डिनल ने कहा कि मारियो की लेखनी में
‘ईसाई विचारधारा’ स्पष्ट दिखाई पड़ती है और वे साहित्य के लिये पुरस्कृत होने के लिये
पूर्ण योग्य व्यक्ति है।
वाटिकन समाचार पत्र लोसेरभातोरे रोमानो के अनुसार मारियो
ने अपने लेखों में मानव को केन्द्र में रखा है।
अपनी विशिष्ट लेखन शैली और सृजनशील
क्षमता के कारण उन्होंने अपने उपन्यास में शहरी जीवन के साथ-साथ पेरु के ग्रामीण जीवन
का चित्रण भी बारीकी से किया है।
74 वर्षीय वरगास लोसा ने " द ग्रीन हाउस " कनवर्सेशन
ऑफ द कथिड्रल " सहित 30 उपन्यास नाटक और कथेतर साहित्य (नॉन फिक्शन) लिखे।
नोबल
पुरस्कार समिति के वक्तव्य के अनुसार मारियो को शक्ति की रूपरेखा के मानचित्रण और व्यक्तिगत
विरोध, आंदोलन और पराजय का मर्मभेदी चित्रण करने के लिये पुरस्कृत किया गया।