माँ, विधवा व समर्पित धर्मसमाजी अन्ना मरिया अदोरनी धन्य घोषित
रोम, 4 अक्तुबर, 2010 (सीएनए) अन्ना मरिया अदोरनी - एक माँ, विधवा और एक समर्पित धर्मसमाजी
को रविवार को संत प्रकरण के लिये बने परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष अन्येलो
अमातो ने इटली के पार्मा के महागिरजाघर में धन्य घोषित किया। 19वीं सदी में जन्मी
अन्ना मरिया अदोरनी को लोग गरीबों, ज़रूरतमंदों और विशेष करके बंदियों के प्रति उसके
मातुल्य प्रेम एवं उसकी अनवरत प्रार्थना के लिये याद करते रहेंगे। स्थानीय समाचारपत्र
‘लोसेरभातोरे रोमानो’ में प्रकाशित संत बनाये जाने वाली समिति के लिये कार्यरत पोस्तुलेटर
फादर गुलियेल्मो कामेरा ने बताया कि अन्ना मरिया ने विभिन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के
बावजूद अपने जीवन में हिम्मत नहीं हारा। फादर ने बताया कि अदोरनी को लोग शोषितों
और परित्यक्त लोगों की माँ के रूप में याद करते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार की आधुनिक
गुलामी से जकड़े लोगों- विशेष करके प्रताड़ित और मानव मर्यादा से वंचित महिलाओं के लिये
कार्य किया। धन्य अदोरनी सदा ही रोजरी माला जपा करती थी इसीलिये उन्हें ‘लिविंग रोजरी’
या ‘जीवित रोजरी’ भी कहा जाता था। अन्ना मरिया अदोरनी का जन्म सन् 1805 ईस्वी में
हुआ था। 38 साल की आयु में उन्होंने अपने 6 में से 5 बच्चों और अपने पति की खोने का दुःख
झेला।इसके बाद से उन्होंने अपना सारा जीवन दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया। सन्
1857 ईस्वी में अन्ना ने अपने 8 अन्य साथियों के साथ मिलकर एक धर्मसमाज की स्थापना की
जो बाद में ‘हैंडमेड ऑफ ब्लेसेड मेरी इम्माकुलेट’ के नाम से विख्यात हुआ। यह धर्मसमाज
बच्चों, अनाथों और परित्यक्त महिलाओं के लिये के लिये समर्पित है। अन्ना की मृत्यु
सन् 1893 ईस्वी में हुई। संत अन्ना के बारे में बोलते हुए देवदूत प्रार्थना के पूर्व
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि अन्ना मरिया अदोरनी एक आदर्श पत्नी, माँ और धर्मसमाजी
थीं। संत पापा ने लोगों से अपील भी की वे भी धन्य अन्ना मरिया के समान ही सदा ईश्वर
से जुड़े रहें, विशेषकरके अक्तुबर माह में जब पूरी काथलिक कलीसिया इसो रोजरी के माह के
रूप में सपर्पित करती है। पारमा के धर्माध्यक्ष धन्य गुइदो मारिया कोनफोरती ने अन्ना
मरिया अदोरनी की मृत्यु के बाद लिखा था कि " अदोरनी का प्रेम असीमित था जो ऐसे स्थानों
में भी चमकती था जहाँ शोषण और अत्याचार का अंधकार था " । विदित हो कि हाल में काथलिक
कलीसिया ने कई लोगों को धन्य घोषित किया जिसमें इंगलैंड के कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन,
इटली की कियारा ‘लुचे’ बदानो, और स्पेन के लिपोल्ट डे अल्पानदेइरे को अलग-अलग समारोहों
में संत घोषित किया जा चुका है। यह भी ज्ञात हो कि 17 अक्तुबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में ऑस्ट्रेलिया की धन्य मेरी मक्किलोप कनाडा के धन्य अन्देर बेस्सेत्ते और
चार अन्यों को संत घोषित किया जायेगा