धर्माध्यक्षों ने यूरोपीय संघ से ईसाई विरोधी अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करने का आग्रह
किया
यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों का आयोग (सीओएमईसीई) यूरोपीय संघ से आग्रह कर रहा है
कि वह अत्याचार सहनेवाले ईसाईयों के अधिकारों की रक्षा करे। आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति
में कहा गया है कि धर्मों के विरूद्ध नफरत से जुडीं 75 प्रतिशत मौत के मामले ईसाईयों
से जुडे़ हैं। प्रतिवर्ष अपने धार्मिक विश्वास के कारण लगभग एक लाख 70 हजार ईसाई शोषित
होते हैं। धर्म के कारण भेदभाव का शिकार होनेवाले विश्वासियों की संख्या 100 मिलियन है।
यह आंकलन ईसाईयों को सबसे अधिक पीडित धार्मिक समुदाय बनाता है। वक्तव्य में कहा गया है
कि धर्म का प्रचार करने में बाधा, आरधनालयों को ध्वस्त करना और धार्मिक प्रशिक्षण और
शिक्षण देने से मना करना भी अत्याचार या शोषण में शामिल है। कहा गया है कि यूरोप निष्क्रिय
नहीं रह सकता है। सम्पूर्ण विश्व में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की सहजिम्मेदारी
को यूरोपीय संघ स्वीकार करे।