श्री लंकाः म्यानमार में बौद्ध भिक्षुओं के नरसंहार की तीसरी बरसी पर श्री लंका में प्रदर्शन
श्री लंका की राजधानी कोलोम्बो में मंगलवार को, म्यानमार के राजदूतावास के समक्ष, म्यानमार
में बौद्ध भिक्षुओं के नरसंहार की तीसरी बरसी पर प्रदर्शन हुए।
मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं,
विधि विशेषज्ञों तथा धार्मिक नेताओं ने उक्त प्रदर्शन में भाग लिया तथा विश्व का आह्वान
किया कि वह प्रजातंत्र की स्थापना हेतु संघर्ष कर रहे देशों को न भुलाये।
प्रदर्शन
का आयोजन 27 सितम्बर सन् 2007 को म्यानमार में मारे गये बौद्ध भिक्षुओं की याद में, "फ्रेन्ण्ड्स
ऑफ द थर्ड वर्ल्ड" नामक संगठन द्वारा किया गया था। लगभग एक घण्टे तक प्रदर्शनकारी हाथों
में विशाल पोस्टर लिये तथा नारे लगाते, कोलोम्बो स्थित म्यानमार के राजदूतावास के समक्ष
धरना देते रहे। अँग्रेज़ी तथा सिंघली भाषाओं में लिखे पोस्टरों पर राजनैतिक बन्दियों
को रिहा किये जाने, जनता की आवाज़ सुनने, हत्याओं को बन्द करने तथा म्यानमार की प्रजातांत्रिक
नेता आऊँग सान सूकी को रिहा किये जाने का मांग की गई।
"फ्रेन्ण्ड्स ऑफ द थर्ड
वर्ल्ड" संगठन के अध्यक्ष फ्रेडी गोम्ज़ ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा
कि म्यानमार में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना उनके प्रदर्शन का उद्देश्य था। अपने
सम्बोधन में उन्होंने म्यानमार की सैन्य सरकार से देश में प्रजातंत्रवाद के प्रतिष्ठापन
की भी मांग की।
एंगलिकन कलीसिया के पादरी मारीमुत्तु साथीवेल ने भी म्यानमार
के लोगों के साथ एकात्मता का प्रदर्शन किया तथा प्रजातांत्रिक विश्व का आह्वान किया कि
म्यानमार में सेना की बर्बरता को समाप्त करने तथा लोगों को उनके मानवाधिकार दिलवाने के
लिये वह उनके पक्ष में हस्तक्षेप करे।