2010-09-28 11:54:47


वाटिकन सिटीः कलीसिया का परमाध्यक्ष एक तीर्थयात्री, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें


मसीह के शुभ सन्देश को जन जन में प्रसारित करने हेतु विश्व भर में यात्राएँ करनेवाले सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि कलीसिया के परमाध्यक्ष की प्रेरिताई एक तीर्थयात्री की प्रेरिताई है।
स्पेन के सानतियागो दे कोमपोस्तेला में "तीर्थ एवं पुण्य स्थलों की प्रेरितिक देखरेख" पर सोमवार को आरम्भ द्वितीय विश्व सम्मेलन को प्रेषित एक सन्देश में सन्त पापा ने स्वतः के मिशन को तीर्थयात्री के मिशन की संज्ञा प्रदान की।
उक्त सम्मेलन में सहयोग के लिये सन्त पापा ने स्पेन के सम्राट हुवान कारलोस प्रथम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया तथा बताया कि छः एवं सात नवम्बर को अपनी आगामी स्पेन यात्रा के अवसर पर वे सम्राट एवं शाही परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
अपने सन्देश में सन्त पापा ने कहा, "मैं शीघ्र ही उसी प्रकार येसु के मित्र, प्रेरितवर याकूब की समाधि पर श्रद्धार्पण हेतु जाऊँगा जिस प्रकार मैं विश्व भर में विद्यमान लोकभक्ति के पूजनीय स्थलों का दौरा करता रहा हूँ। इस सन्दर्भ में", सन्त पापा ने कहा, "मेरे परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ ही से मैंने सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी की प्रेरिताई को एक तीर्थयात्री रूप में जीना चाहा है जो आशा एवं सादगी के साथ, अपने हृदय एवं अधरों पर पुनर्जीवित ख्रीस्त के मुक्तिदायी सन्देश लिये विश्व के मार्गों पर निकल पड़ता है।"
वर्तमान विश्व में व्याप्त आर्थिक, सामाजिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक संकट की पृष्टभूमि में सन्त पापा ने कहा कि तीर्थस्थल लोगों के लिये आशा के स्थल हैं जो मनुष्यों को कठिनाईयों का सामना करने की ऊर्जा प्रदान करते हैं।
सन्त पापा ने तीर्थस्थलों के प्रबन्धकों से भी आग्रह किया कि वे इन पुण्य स्थलों को दया एवं उदारता के प्रकाशघर बनाने में मदद दें ताकि इनकी भेंट करनेवाला प्रत्येक व्यक्ति एकात्मता का अनुभव प्राप्त कर सके।








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