2010-09-28 11:57:43

कर्नाटकः हिन्दु चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़ित पादरी पुलिस द्वारा गिरफ्तार


ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन क्रिस्टीयन्स नामक ख्रीस्तीय समिति के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज ने एशिया समाचार को बताया कि रविवार को कर्नाटक में एक ईसाई पादरी शिवानन्द सिद्दी को धर्मान्तरण के झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पादरी शिवानन्द मुण्डगोड तालूक स्थित ऊमाचागी गाँव के ज्ञानोदय गिरजाघर में रविवारीय धर्मविधि सम्पादित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि विगत पाँच वर्षों से पादरी शिवानन्द गाँव के 25 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की सेवा करते रहे हैं। इनमें से अधिकांश ख्रीस्तीय आदिवासी हैं।
श्री जॉर्ज ने बताया कि रविवार को बजरंग दल के पाँच कार्यकर्त्ता गिरजाघर में घुस आये जहाँ उन्होंने शोर मचाना आरम्भ कर दिया तथा पादरी की पिटाई आरम्भ कर दी। उन्होंने उनके साथ गाली गलौच किया, उनके कपड़े फाड़ डाले तथा श्रद्धालुओं को तितर बितर कर दिया। बाद में गाँव से लगभग तीन किलो मीटर की दूरी पर स्थित येलापुर पुलिस स्टेशन को फोन कर दिया।
पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँचकर सात महिलाओं एवं दो बच्चों सहित पादरी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद भी हिन्दु चरमपंथी ख्रीस्तीयों को धमकी देते रहे और पुलिस उपेक्षा भाव से देखती रही।
श्री जॉर्ज ने बताया कि ख्रीस्तीय समिति के हस्तक्षेप के बाद महिलाओं एवं बच्चों को छुड़ा लिया गया किन्तु पादरी शिवानन्द पर धर्मान्तरण का झूठा आरोप लगाकर उन्हें सिरसी के कारावास भेज दिया गया है।
श्री जॉर्ज ने शिकायत की कि सन् 2010 में कम से कम 47 ख्रीस्तीय विरोधी घटनाएँ दर्ज़ की गई किन्तु किसी भी अपराधी को दण्डित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वे केवल पंजीकृत घटनाओं की बात कर रहे थे जबकि अनेक ऐसी घटनाएँ हैं जिनकी शिकायत ही नहीं की गई। उन्होंने कहा, "आये दिन उग्रवादी चरमपंथियों द्वारा ख्रीस्तीय पादरियों की पिटाई, धर्म विधि समारोहों में हस्तक्षेप, विश्वासियों को डराया और धमकाया जाना, बाईबिल एवं अन्य पवित्र चीज़ों का जलाया जाना आदि एक धर्मनिरपेक्ष एवं प्रजातांत्रिक देश के लिये बहुत शर्म की बात है।"








All the contents on this site are copyrighted ©.