नई दिल्लीः देहली के महाधर्माध्यक्ष ने शांति की अपील की
देहली के काथलिक धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष विन्सेन्ट कॉनचेसाओ ने अयोध्या में शांति
एवं मेलमिलाप की अपील की है। ग़ौरतलब है कि अयोध्या में ध्वस्त बाबरी मस्जिद के
इर्द गिर्द लगभग 1250 वर्ग मीटर ज़मीन किसकी संपत्ति है? इस विवाद पर इलाहाबाद उच्च-न्यायलय
अपना फैसला 24 सितम्बर को देने वाला था किन्तु सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल एक सप्ताह तक
के लिए इसे मुल्तवी कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर के लिये तय है। हिन्दु
चरमपंथियों ने सन् 1992 में अयोध्या की बाबरी मस्जिद को यह कहकर ध्वस्त कर दिया था कि
मस्जिद रामजन्मभूमि पर स्थित एक पूर्व मन्दिर को तोड़कर बनाई गई थी। अदालत के फैसले
की पृष्टभूमि में महाधर्माध्यक्ष ने शांति बनाये रखने की अपील की। एक वकतव्य में महाधर्माध्यक्ष
कॉनचेसाओ ने कहा, "न तो प्रभु राम और न ही दयावान अल्लाह, न तो येसु और न ही गुरु नानक
अपने अनुयायियों के बीच झगड़ों को चाहते हैं क्योंकि कोई भी धर्म पड़ोसी के प्रति शत्रुता
का पाठ नहीं सिखाता।" महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को
किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचाई जानी चाहिये। उन्होंने कहा, "केवल एक दूसरे के
साथ सहयोग कर तथा एक दूसरे को स्वीकार कर ही प्रत्येक की अद्वितीयता को पहचाना जा सकता
है।" अयोध्या विवाद भारत के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का एक प्रमुख मुद्दा
रहा है और देश की राजनीति को एक लंबे अरसे से प्रभावित करता रहा है। मुस्लिम पक्ष ने
कहा है कि वह अदालत का फैसला मानेगा जबकि चरमपंथी हिन्दू दल, विश्व हिंदू परिषद, के समर्थकों
की दलील है कि यह उनकी धार्मिक आस्था का मामला है, जिसका फैसला अदालत नहीं कर सकती। उनकी
मांग है कि सरकार संसद में कानून बनाकर विवादित ज़मीन हिन्दुओं को एक विशाल राम मंदिर
बनाने के लिए दे दे।