नई दिल्ली, 23 सितंबर, 2010 ( उकान) अंतरधार्मिक वार्ता को बढ़ाने के लिये तेरेसियन कार्मेलाइट
धर्मबहनों ने स्कूल शुरु करने के पूर्व की प्रार्थना सभा में हिन्दु और मुसलमान धर्मग्रंथों
से पाठ पढ़ने का निर्णय लिया है। उक्त बात की जानकारी देते हुए सिस्टर तेस्सा ने
बताया कि उनके धर्मसमाज द्वारा देश के आठ राज्यों में चलाये जा रहे स्कूल राष्ट्र निर्माण
के लिये बचनबद्ध हैं। सिस्टर तेस्सा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब धार्मिक एकता वे
सहिष्णुता को बढ़ावा देने वाले यूनिवर्सल सोलिडारिटी मूवमेंट नामक संस्था ने एक सेमिनार
का आयोजन किया था जिसमें 8 राज्यों के 13 स्कूलों के प्रधानाध्यपिकाओं ने हिस्सा लिया।
तेरेसियन धर्मसमाज के शिक्षा विभाग की कौंसिलर सिस्टर तेस्सा ने कहा उनका मानना है
कि उनका मिशन तब ही सफल होगा जब स्कूल सामाजिक व राजनैतिक परिवर्तन का केन्द्र बन जायेगा। सिस्टर
तेस्सा ने यह भी बताया कि सभी 13 प्रिंसिपल इस बात के लिये राजी हो गये हैं कि वे अपने
स्कूलों में हिन्दु और मुसलमान धार्मिक गीतों और पाठों को प्रातः प्रार्थना में शामिल
करेंगे। उनके स्कूल के बच्चे बन्दे मातरम् को भी गायेंगे । हालाँकि हाल में ‘वन्दे मातरम’
गाने पर कुछ स्कुलों ने आपत्ति जतायी थी। कर्नाटक की सिस्टर तेरेसा अन्न ने कहा कि
देश में धार्मिक माहौल उपयुक्त नहीं होने के बावजूद उनका स्कूल धार्मिक एकता का परिचायक
बनें और धार्मिक सद्भाव का प्रचार करे। उनका मानना है कि आम लोगों के बीच में उनके
स्कूलों का जो उच्च स्थान दिया गया है उसका उपयोग धार्मिक एकता के लियये क्या जाना चाहिये।