2010-09-19 08:23:26

हाइड पार्क की संध्या प्रार्थना में संत पापा का प्रवचन


लंदन, 19 सितंबर, 2010 (सेदोक, वीआर) मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, ग्रेट ब्रिटेन के एक महान् पुत्र रत्न कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमैन के धन्य घोषणा समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित यह प्रार्थना समारोह हमारे लिये अपार आध्यात्मिक आनन्द समय है। ग्रेट ब्रिटेन के लिये तो यह गौरव की बात है जिसका बडे ही बेसब्री से आपलोग इन्तज़ार कर रहे थे। मेरे लिये भी व्यक्तिगत रूप से यह अति विस्मरणीय दिन है।

कार्डिनल न्यूमैन के जीवन के घटनाक्रम हमें बताते हैं कि हमें अपने जीवन का लगातार परीक्षण करते रहना चाहिये, ईश्वर का हम प्रत्येक के लिये बनायी गयी योजना पहचानने का प्रयास करना चाहिये और रोज दिन क्लीसियाई जीवन में उसी तरह से आगे बढ़ना चाहिये जैसा कि प्रेरितों, संतों, शहीदों और खुद कार्डिनल न्यूमैन ने जीया। कार्डिनल न्यूमैन ने तो कलीसिया को विशेष रूप से प्यार किया और इसके मिशन को आगे बढ़ाने के लिये आजीवन प्रयासरत थे।

आज आइये हम कार्डिनल न्यूमैन के जीवन पर गहराई से विचार करें। कार्डिनल जब युवा ही थे उसी समय उन्हें ईश्वर की वाणी की सत्यता और परंपरागत ईसाई प्रकाशना की दिव्य शक्ति का आंतरिक अनुभव हुआ था।

इसी धार्मिक और बौद्धिक गहरे अनुभव ने उन्हें बाद में सुसमाचार का उत्साही प्रचारक बनाया। उन्होंने बाद में अपना सारा जीवन कलीसिया के नवीनीकरण और प्रेरितों की पवित्र परंपरा के प्रति वफ़ादार होकर इसके विस्तार में बिताया।

आज हम कार्डिनल न्यूमैन से अपने जीवन के लिये जो पहला पाठ सीख सकते हैं वह है हम इस बात का गहरा अनुभव करें कि हम ईश्वर के प्रतिरूप बनाये गये हैं, हम सदा सत्य की खोज करें और हम येसु को जानें जो सत्य, मार्ग और जीवन हैं।

कार्डिनल न्यूमैन से हम एक दूसरी सिखायी वह है कि इस बात को जाने कि सत्य मूल्यवान होती है, यह हमसे साक्ष्य की माँग करती है। कई लोगों ने जैसे- ताइबर्न के विश्वासियों ने सत्य के लिये अपने प्राणों का बलिदान कर दिया।

आज के युग में सत्य या विश्वास के लिये हमें अपने प्राणों की आहूति नहीं देनी पड़ती है पर हम अपने विश्वास के लिये हँसी के पात्र बनाये जाते हैं या हमारा मज़ाक उड़ाया जाता है। तीसरी बात जो कार्डिनल न्यूमैन से सीख सकते हैं वह है कि हम उन्हीं के समान ख्रीस्त के प्रेम से कभी भी अलग न हीं हों।

कार्डिनल न्यूमैन कहते हैं कि हमें हमारा प्रत्येक विचार, शब्द और कार्य ईश्वर की महिमा और उसके नाम के प्रचार के लिये हो। उनका मानना था कि सत्य का प्रचार सिर्फ शिक्षा के द्वारा नहीं हो सकता है। सत्य के प्रचार के लिये जीवन का साक्ष्य वफ़ादारी और पवित्रता की आवश्यकता होती है। जो लोग सत्य के लिये जीते हैं वे जीवन के सत्यता, सुन्दरता और अच्छाई को तुरंत पहचान जाते है।

कार्डिनल न्यूमैन ने अपने जीवन में उन तमाम संतों की तरह उस सत्य के प्रकाश को पहचाना था जिससे व्यक्ति अपने को ईश्वर के पुत्र-पुत्रियों के रूप में स्वीकार कर जीवन के अंतिम लक्ष्य की भी पहचान पाता है।

कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमैन इस बात पर बारंबार चिंतन किया करते थे कि ईश्वर ने उसकी सृष्टि एक विशेष कार्य के लिये की है। उनका मानना था कि प्रत्येक व्यक्ति का एक मिशन है उसे इस दुनिया को नया बनाना है, इस दुनिया में लोगों को जीवन देने के लिये कार्य करना है और प्रत्येक व्यक्ति की मर्यादा की रक्षा के लिये कार्य करना है। ऐसा करने से ही संत मत्ती का वह कथन पूरा होगा कि हमारे भले कार्यो को देखकर लोग ईश्वरीय पिता की महिमा कर पायेंगे।

इस पावन अवसर पर मैं दो बातें अपने युवाओं को कहना चाहूँगा। प्यारे युवा मित्रो येसु के पास आप प्रत्येक जन के लिये एक विशेष योजना है। येसु को आप जैसे लोगों की आवश्यकता है जो अपने जीवन को पूर्ण प्रेम की प्राप्ति के लिये समर्पित करे और दुनिया के सबसे ज़रूरतमंद लोगों की सेवा में अपना जीवन बिताये।

येसु को अपने पूरे जीवन को देने से न कतराइये। इसी अवसर पर मैं युवाओं अगले वर्ष स्पेन के मैडरिड होने वाले विश्व युवा दिवस के लिये निमंत्रित करता हूँ जो प्रत्येक बार येसुमय होने का एक सुनहला अवसर होता है। ईश्वर हमारे पथ और ब्रिटिश समाज के पथ को सत्य, प्रेम और शांति से प्रकाशित करे।








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