2010-09-19 16:40:24

संत पापा ने कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन को धन्य घोषित किया


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 19 सितम्बर को बरमिंघम के कोफ्ट्न पार्क में उपस्थित 50 हजार से अधिक विश्वासियों के लिए समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता कर कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन को धन्य घोषित किया।

कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन का जन्म लंदन में 21 फरवरी 1801 को हुआ था। उन्होंने ट्रिनिटी कालेज आक्सफोर्ड में अध्ययन किया और ओरियल कालेज के फेलो रहे। वे अध्य़ापक थे और ओक्सफोर्ड स्थित अलबन हाल के उप प्राचार्य। आंगलिकन पुरोहित के रूप में संत मेरी आक्सफोर्ड के विकर के रूप में उनका चर्च औफ इंगलैंड पर गहन आध्यात्मिक प्रभाव था। वे 1845 में काथलिक चर्च में शामिल हो गये तथा बरमिंघम में संत फिलिप नेरी ओराटोरी की स्थापना की। वे डब्लिन स्थित काथलिक यूनिवर्सिटी के पहले रेक्टर थे। उन्हें संत पापा लेओ तेरहवें ने 1879 में कार्डिनल बनाया। उन्होंने अपने विद्वतापूर्ण लेखों, प्रवचनों और निजी पत्र व्यवहार द्वारा काथलिक कलीसिया और इसकी शिक्षाओं के बारे में गहन समझ पाने में अनेक लोगों की सहायता की जो धार्मिक स्तर पर कठिनाईयाँ महसूस करते थे। कार्डिनल हेनरी न्यूमन की विनम्रता, विद्वता, मेषपालीय उदारता और प्रार्थनामय जीवन की बहुत सराहना की गयी। उनके लेखों और चिंतनों का विश्व स्तर पर लोगों में व्यापक प्रभाव हुआ है। कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन का बिरमिंघम में 11 अगस्त 1890 को निधन हो गया।

संत पापा जोन पौल द्वितीय ने उन्हें 22 जनवरी 1991 को वंदनीय घोषित किया। बरमिंघम स्थित कोफ्टन पार्क में 19 सितम्बर को समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता कर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 19 वीं सदी के एक महान अंग्रेज ईशशास्त्री प्रभुसेवक कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन को धन्य घोषित किया।








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