2010-09-19 11:49:41

पुरोहितों के यौन दुराचार पर कलीसिया लज्जा और अपमान महसूस करती है, बेनेडिक्ट 16 वें


"कलीसिया के अन्तर्गत तथा उसके पुरोहितों द्वारा बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार ने महान पीड़ा को जन्म दिया है जिसके लिये कलीसिया लज्जा और अपमान महसूस करती है।"

ग्रेट ब्रिटेन में अपनी यात्रा के तीसरे दिन सन्त पापा ने वेस्टमिन्स्टर के महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए उन्होंने ब्रिटेन तथा यूरोप के अनेक देशों में पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार के शिकार बने सभी बच्चों का स्मरण किया तथा उनके लिये प्रभु की सान्तवना की याचना की। उन्होंने कहा कि वे इन अवर्णनीय अपराधों के लिये लज्जित हैं तथा आशा करते हैं कि कलीसिया को जिस अपकीर्ति एवं अपमान का सामना करना पडा है उससे दुराचार के शिकार हुए व्यक्तियों एवं स्वतः कलीसिया के घावों को भरने में मदद मिल सकेगी।

वेस्टमिन्स्टर महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग समारोह के बाद सन्त पापा ने वेल्स के संरक्षक सन्त डेविड के एक मोजक चित्र पर आशीश दी तथा कार्डिगन की रानी माँ मरियम की प्रतिमा के आगे मोमबत्ती जलाई।

अपेक्षा के अनुकूल ख्रीस्तयाग समारोह के बाद सन्त पापा ने यौन दुराचार के शिकार बने पाँच व्यक्तियों से भी मुलाकात की तथा उनके प्रति अपना सामीप्य प्रदर्शित किया जैसा कि उन्होंने अमरीका, ऑस्ट्रेलिया एवं माल्टा में अपनी प्रेरितिक यात्राओं के दौरान किया था।

लगभग चालीस मिनटों तक चली इस मुलाकात के बाद वाटिकन ने एक विज्ञप्ति प्रकाशित कर बताया कि सन्त पापा इन पाँच व्यक्तियों की बात सुनकर भावुक हो उठे तथा उन्होंने उनकी पीड़ा के प्रति गहन दुःख व्यक्त किया। विज्ञप्ति में कहा गया, "उन्होंने उनके लिये प्रार्थना की तथा आश्वासन दिया कि काथलिक कलीसिया युवाओं की सुरक्षा के लिये उपयुक्त एवं प्रभावशाली उपाय कर रही है तथा अपने सामर्थ्य के अनुकूल आरोपों की जाँच करने में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है ताकि इन घृणित कृत्यों के आरोपियों को न्याय के अधीन किया जा सके।"










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