2010-09-16 12:48:30

यू.के. में बेनेडिक्ट 16 वें की चार दिवसीय यात्रा शुरु


सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरुवार 16 सितम्बर को, रोम समयानुसार, प्रातः आठ बजे, रोम के चामपिनो हवाई अड्डे से स्कॉटलैण्ड की राजधानी एडिनबर्ग के लिये प्रस्थान किया। ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय, ब्रितानी सरकार और साथ ही स्कॉटलैण्ड तथा इंगलैण्ड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षों के आमंत्रण पर इस यात्रा का आयोजन किया गया है। 16 से 19 सितम्बर तक जारी रहनेवाली ब्रिटेन की यह यात्रा सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की पहली आधिकारिक यात्रा है जिसके दौरान सन्त पापा स्कॉटलैण्ड एवं इंगलैण्ड का दौरा करेंगे। इससे पूर्व सन् 1982 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने ब्रिटेन की प्रेरितिक यात्रा की थी। देश में व्याप्त धर्म के प्रति उदासीनता तथा वर्तमान जगत में उभरती आर्थिक एवं सामाजिक चुनौतियों के बावजूद यहाँ के काथलिक धर्मानुयायियों को उनके विश्वास में सुदृढ़ करना इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है।

ग्रेट ब्रिटेन एवं उत्तरी आयरलैण्ड को मिलाकर बना यूनाईटेड किंगडम अथवा ब्रिटेन की कुल आबादी लगभग छः करोड़ है जिनमें मात्र आठ प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी हैं। 45 प्रतिशत यहाँ एंगलिकन ख्रीस्तीय तथा 11 प्रतिशत अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के अनुयायी हैं। देश में मुसलमान धर्मानुयायी डेढ़ प्रतिशत, लगभग दो प्रतिशत हिन्दु, यहूदी एवं सिक्ख धर्मानुयायी हैं जबकि 31 प्रतिशत जनता किसी भी धर्म को नहीं मानती है।

सन्त पापा बेनेडिक्ट की यू.के. यात्रा का प्रथम पड़ाव है स्कॉटलैण्ड की राजधानी एडिनबर्ग। स्कॉटलैण्ड में कलीसिया के परमाध्यक्ष की प्रेरितिक यात्रा से पूर्व अन्य प्रेरितिक यात्राओं के समान न तो सड़कों पर बड़े बड़े पोस्टर दिखाई दे रहे थे और न ही वाटिकन के पीले और श्वेत ध्वज काथलिक कलीसिया के जगतगुरु की अगवानी कर रहे थे। यह सम्भवतः इसलिये कि स्कॉटलैण्ड में काथलिकों का वर्चस्व नहीं है। यहाँ की पचास लाख की आबादी में मात्र आठ लाख काथलिक धर्मानुयायी हैं जबकि 27 प्रतिशत स्वतः किसी धर्म का अनुयायी नहीं मानते। अधिकांश लोग प्रेस्बीटेरियन प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय सम्प्रदाय के अनुयायी हैं। तथापि काथलिक धर्मानुयायियों के साथ उनके सम्बन्ध अच्छे रहे हैं। वस्तुतः आयरलैण्ड तथा पूर्वी यूरोप के देशों से काथलिक धर्मानुयायियों के आप्रवास के कारण यू.के. के अन्य प्रान्तों की तुलना में स्कॉटलैण्ड काथलिकों के प्रति सहिष्णु एवं सहानुभूतिपूर्ण रहा है। सन्त पापा की यात्रा से पूर्व किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार स्कॉटलैण्ड के केवल पाँच प्रतिशत लोग इस यात्रा का विरोध करते हैं और इस विरोध का प्रमुख कारण है हाल के वर्षों में कुछेक पुरोहितों द्वारा बच्चों एवं किशोरों के विरुद्ध यौन दुराचार जिसकी खुद सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कड़ी निन्दा की है तथा आयरलैण्ड एवं ब्रिटेन के धर्माध्यक्षों को लिखे पत्र में दुराचार के शिकार व्यक्तियों की मदद का आह्वान किया है।

एडिनबर्ग में की गई सन्त पापा की यात्रा की तैयारियों पर यदि एक नज़र डालें तो यह कुछ हद तक सच है। हालांकि लोगों में सन्त पापा के समारोहों में उपस्थित होने या उनके प्रवचनों को सुनने की रुचि नहीं देखी गई तथापि बहुत से लोग इस यात्रा के प्रति जिज्ञासु हैं। एडिनबर्ग के सेन्ट मेरीज़ कथीड्रल में सन्त पापा के आगमन की तैयारी में संलग्न 78 वर्षीया मेरी मैकमानुस ने कहा कि सन्त पापा का स्कॉटलैण्ड आना एक अद्भुत घटना है और हम प्रार्थना कर रहे हैं कि मौसम अच्छा रहे ताकि अधिकाधिक लोग उनके दर्शन कर सकें। यहाँ के प्रथम मंत्री एलेक्स सामण्ड काथलिक धर्मानुयायी हैं जिन्होंने सन्त पापा के दर्शन हेतु काथलिक श्रमिकों एवं काथलिक स्कूलों के लिये अवकाश की घोषणा कर रखी है।

गुरुवार को रोम से लगभग साढ़े तीन घण्टों की उड़ान के बाद सन्त पापा स्कॉटलैण्ड की राजधानी एडिनबर्ग पधारे जहाँ ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग द्वारा उनका भावपूर्ण स्वागत किया गया। तदोपरान्त सन्त पापा ने स्कॉटलैण्ड स्थित महारानी के आधिकारिक निवास होलीरुड हाऊस में महारानी साहिबा एवं राजकुमार फिलिप से मुलाकात की। महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय एवं सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा इस अवसर कहे गये शब्दों को ब्रिटेन की सरकार ऐतिहासिक रूप से अर्थपूर्ण मान रही है।








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