2010-09-15 13:36:05

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
15 सितंबर, 2010


रोम, 15 सितंबर, 2010 (सेदोक) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-




प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षामाला में हम असीसी के संत क्लेर के जीवन पर मनन-चिन्तन करें। संत क्लेर संत फ्रांसिस की मित्र थी और उन्होंने ‘पुवर क्लेर नन्स’ धर्मसमाज की स्थापना की।


संत क्लेर का जन्म मीन्स परिवार में हुआ था। संत क्लेर संत फ्रांसिस के संपर्क आयीं और अपने कई साथियों के साथ असीसी के दामियानो गिरजाघर में अपने जीवन को ईश्वर के हाथों में सौंप दिया।


उन्होंने अपने साथियों के साथ गरीबी और शुद्धता का व्रत लिया और सामुदायिक जीवन को गले लगाया। संत क्लेर और संत फ्रांसिस की आध्यात्मिक मित्रता इस बात का उदाहरण है कि कैसे दो संतों ने एक-दूसरे की आध्यात्मिकता से शक्ति ग्रहण कर येसु को गहराई से प्यार करते हुए संत होने का गौरव प्राप्त किया।


संत क्लेर ही प्रथम महिला थी जिन्होंने धर्मसमाज के लिये कुछ नियम बनाये जिसने फ्रांसिकन धर्मसमाज को एक नयी दिशा दी। संत क्लेर की आध्यात्मिकता का सार था - पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान से परिपोषित होकर, येसु के जीवन को सभी गुणों का श्रोत मानकर उस पर चिंतन करना और पूर्णता की प्राप्ति के लिये प्रयासरत रहना।


संत क्लेर ने अपने समर्पित जीवन से इस बात को दिखाया कि उसका जीवन कलीसिया का अपने दुल्हे येसु के लिये समर्पित जीवन की एक छाप है। संत क्लेर के धर्मसमाज की धर्मबहनों ने अपने विश्वास और समर्पण के द्वारा कलीसिया के नवीकरण के लिये अपना बहुमूल्य योगदान दिया।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने इंगलैंड, स्वीडेन, यूनाईटेड अरब एमीरेतस, ऑस्ट्रेलिया, इरान, बेनेदिक्तिन धर्मबहनें और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु येसु की कृपा और शांति का कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

















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