उड़ीसाः महाधर्माध्यक्ष ने काथलिकों के हिन्दु धर्म में बलात धर्मान्तरण की निन्दा की
उड़ीसा में कटक- भुवनेश्वर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष राफायल चीन्नत ने काथलिकों के हिन्दू
धर्म में बलात धर्मान्तरण की कड़ी निन्दा की है। मंगलवार को उड़ीसा के मुख्य मंत्री
नवीन पटनाईक से मुलाकात के अवसर पर महाधर्माध्यक्ष ने शिकायत की कि उड़ीसा के कई गाँवों
में काथलिक धर्मानुयायियों को हिन्दू धर्म अपनाने के लिये मजबूर किया जा रहा है। हिन्दु
धर्म में धर्मान्तरण से इनकार करने वाले काथलिकों से उनके मकान एवं ज़मीन छीनी जा रही
है। महाधर्माध्यक्ष चीन्नत ने मंत्री महोदय को सूचित किया कि कांधामाल जिले के दस
गांवों में ईसाइयों को अपने घर एवं ज़मीन रखने के लिये हिन्दु बनने पर मजबूर होना पडा।
इसके अतिरिक्त, 27 गांवों में शरणार्थी अभी भी अस्थायी आश्रयों में रहने को मजबूर हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि ये घटनाएँ "धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी कानून का उल्लंघन है
जिसके प्रति उड़ीसा ने अपनी वचनबद्धता प्रदर्शित की है।" उन्होंने कहा, "उड़ीसा खुद को
धर्मनिर्पेक्ष राज्य घोषित करता है, इसलिये, इस प्रकार की हिंसा को नज़रअंदाज़ नहीं किया
जाना चाहिये।" महाधर्माध्यक्ष चीन्नत ने कहा कि शरणार्थियों को उनके मूल गांवों
में लौटने का अधिकार है तथा अधिकारियों का दायित्व है कि वे उन्हें पर्याप्त सुरक्षा
की गारंटी दें। मुख्यमंत्री के साथ अपनी वार्ता के दौरान महाधर्माध्यक्ष ने क्षतिपूर्ति
का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को अभी तक अपने घरों के पुनर्निर्माण के
लिये पर्याप्त मुआवज़ा नहीं मिला है तथा अनेक ख्रीस्तीय अपनी ज़मीन वापस पाने में असमर्थ
रहे हैं। अब तक, स्थानीय अधिकारियों ने 4,000 क्षतिग्रस्त घरों के पुननिर्माण के
लिये धन जारी किया है किन्तु कलीसियाई एवं ग़ैरसरकारी संगठनों के अनुसार लगभग 7000 घर
अभी भी पुनर्निर्माण के लिये क्षतिपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने
उक्त आरोपों की जाँच एवं उपयुक्त मुआवज़ा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।