अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने कुरान जलाओ योजना की भर्त्सना की
अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने अमरीका के फ्लोरिडा स्थित गानसविले
में एक एवांजेलिकल चर्च द्वारा शनिवार को सार्वजनिक रूप से इस्लाम धर्म की पवित्र धर्मग्रंथ
पाक कुरान को जलाये जाने की योजना की भर्त्सना करते हुए इसे अमर्यादित और गंभीर संकेत
कहा है। फ्लोरिडा के गानसविले स्थित 50 सदस्यों वाले डव वर्ल्ड आउटरीच सेंटर के पास्टर
टेरी जोस की उक्त योजना की विश्वव्यापी निन्दा होने के बावजूद पास्टर जोस ने कहा है कि
11 सितम्बर को अमरीका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर इस्लामी चरमपंथियों द्वारा हुए हमले
की नौंवी बरसी पर कुरान की प्रतियाँ जलाओ दिवस कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
अंतरधार्मिक
वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने 8 सितम्बर को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि
यह समाचार गहन चिन्ता का विषय है। 11 सितम्बर की हिंसा की निन्दनीय कृत्य का जवाब एक
धार्मिक समुदाय द्वारा पवित्र माने जानेवाले धर्मग्रंथ के खिलाफ अमर्यादित और गंभीर संकेत
से नहीं दिया जा सकता है। विश्वासियों और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति सम्मान दिखाया
जाना चाहिए। पवित्र धर्मग्रंथों, आराधनालयो और प्रतीकों के साथ प्रत्येक धर्म को सम्मान
और सुरक्षा पाने का हक है।
परमधर्मपीठीय समिति ने अपने संदेश में कहा है कि 11
सितम्बर को हमें उन लोगों के प्रति गहन सह्दयता की भावना में एक होना चाहिए जो बर्बर
आतंकवादी हमले के शिकार हुए थे। सह्दयता की इस भावना में हम प्रार्थना करते हुए अपने
प्रियजनों को खोनेवालों के साथ संयुक्त हों। समिति ने आह्वान किया है कि प्रत्येक धार्मिक
नेता और विश्वासी हर प्रकार की हिंसा विशेष रूप से धर्म के नाम पर की जानेवाली हिंसा
की दृढ़तापूर्वक भर्त्सना करने के समर्पण को नवीकृत करे। संदेश में पाकिस्तान के राजदूत
को संत पापा जोन पौल द्वितीय द्वारा 1999 में दिये गये संदेश को उद्धृत किया गया है जिसमें
उन्होंने कहा था- धार्मिक आस्था के नाम पर हिंसा का सहारा लेना प्रमुख धर्मों की मूल
शिक्षा के ही विपरीत है। मोरक्को के राजदूत को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा 2006
में दिये गये संदेश का भी संदर्भ दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अपराधों के जवाब
में हिंसा को कदापि वैध नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि इस प्रकार का जवाब धर्म के पवित्र
सिद्धान्तों के साथ संगत नहीं है।
पास्टर टेरी जोस की पहल के विरोध में विश्व
के काथलिक धर्माधिकारी और नेता अमरीका के अधिकारियों के साथ अपने स्वर मिला रहे हैं।
उन्होंने धर्मों का सम्मान करने का आह्वान करते हुए चिंता व्यक्त की है कि उक्त कृत्य
से अल्पसंख्यक ईसाई समुदायों और विदेशों में रह रहे अमरीकियों को अन्यायपूर्ण हमलों का
सामना करना पड़ सकता है। वाशिंगटन के भूतपूर्व महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल थ्योदोर मेक्कारिक
ने एक प्रेस सम्मेलन में कहा कि यह पहल न तो ईसाईयत का प्रतिनिधित्व करती है और न ही
वास्तविक अमरीका को व्यक्त करती है। उन्होंने मुसलमानों तक पहुँचने के लिए प्रेम की भावना
में यथार्थ मसीही मनोवृति की जरूरत को रेखांकित किया।