जेस्विट यूनिवर्सिटी को मान्यता दिया स्वीडेन सरकार ने
उप्पसाला स्वीडेन 8 सितंबर, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने स्वीडेन सरकार
के द्वारा जेस्विटों द्वारा संचालित कैथोलिक यूनिवर्सिटी को मान्यता देने पर अपनी प्रसन्नता
ज़ाहिर की है और कहा है कि महाविद्यालय को चाहिये कि यह ईश्वरीय प्रज्ञा की प्राप्ति
में विद्यार्थियों की मदद करे। उक्त संदेश की जानकारी देते हुए ज़ेनित समाचार ने
बताया कि स्वीडेन के उप्पसाला में अवस्थित इस जेस्विट यूनिवर्सिटी में शनिवार 4 सितंबर
को नये सत्र का उद्धाटन किया। इस समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वाटिकन
सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने कहा कि यह ‘काथलिक शिक्षा केन्द्र’ ईशवरीय और मानवीय
विवेक से विद्यार्थियों को प्रज्ञा देने के लिये समर्पित होगा। वाटिकन समाचार पत्र
लोसेरभातोरे रोमानो ने जानकारी देते हुए बताया कि जेस्विटों ने इस कैथोलिक संस्थान की
स्थापना सन् 2001 में की पर स्वीडेन सरकार ने इसकी मान्यता विगत् अप्रैल महीने में दी।
जेस्विटों के सुपीरियर जेनरल फदार अदोल्फो निकालस ने उप्पसाला के यूनिवर्सिटी प्रार्थनालय,
‘चर्च ऑफ सेंट लौरेंस’ में सम्पन्न यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने
अपने प्रभाषण में कहा कि यूनिवर्सिटी की शिक्षा से विद्यार्थी ‘बेहत्तर जीवन जीने का
पाठ’ पायेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्ति के बाद हमें अपनी अंतरात्मा के प्रति
वफ़ादार होना चाहिये जो कि एक कठिन कार्य है। अगर व्यक्ति सत्य की खोज करना जारी रखे
तो इसे अवश्य ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन का
उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास एक आध्यात्मिक ताकत थी जिसने उन्हें अपने अपनी अंतरात्मा
के प्रति ईमानदार बनाये रखा। स्वीडेन की सरकार द्वारा जेस्विट यूनिवर्सिटी की मान्यता
को वाटिकन ने एक महत्त्वपूर्ण घटना कहा है। लोसेर्भातोरे रोमानो ने बताया कि जेस्विटों
के अनवरत प्रयास का यह फल है कि इस यूनिवर्सिटी के द्वारा उत्तरी यूरोप और कैथोलिक संस्कृति
का मेल संभव हो पायेगा।