सेओलः एशियाई काथलिक लोकधर्मियों के सम्मेलन के प्रतिभागियों ने सन्त पापा को पत्र लिखा
दक्षिण कोरिया की राजधानी, सेओल में पाँच सितम्बर को सम्पन्न पाँच दिवसीय एशियाई काथलिक
लोकधर्मियों के सम्मेलन के प्रतिभागियों ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को पत्र लिखकर,
सम्मेलन के दौरान आध्यात्मिक रूप से उनके समीप रहने के लिये आभार व्यक्त किया है। उन्होंने
लिखा, "सम्मेलन के दौरान हमने सार्वभौमिक कलीसिया एवं सर्वप्रथम आपका साथ महसूस किया।
सम्मेलन के उदघाटन के अवसर पर पढ़े गये आपके सन्देश में निहित प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन
के शब्दों में अभिव्यक्त आपके पितृसुलभ स्नेह एवं सामीप्य ने हमारा स्पर्श किया है जिसके
लिये हम हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।" प्रतिभागियों ने लिखा कि समाज के प्रत्येक
क्षेत्र में सुसमाचार को ले जाने के लिये नवीन पथों की खोज हेतु सन्त पापा के आह्वान
पर उन्होंने गम्भीरता से विचार किया है तथा सम्पूर्ण एशिया के हित में ख्रीस्तीय समुदायों
को मज़बूत करने का प्रण किया है। उन्होंने कहा कि एशिया के करोड़ों लोगों के बीच
ख्रीस्तीय समुदाय एक छोटा सा समुदाय है किन्तु ख्रीस्तीय सुसमाचार के अनुकूल, लोगों में
प्रेम, मैत्री, न्याय और शांति की स्थापना करने में वह कभी भी पीछे नहीं हटेगा। वैश्वीकरण
एवं नवीन विश्व व्यापी अर्थ व्यवस्था में एशिया की महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण दिलाते
हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के साथ साथ एशिया में नवीन सामाजिक परिस्थितियाँ एवं
नवीन चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। इस पृष्टभूमि में एशिया के लोकधर्मी इस बात के प्रति
सचेत हैं कि सुसमाचार के प्रति निष्ठावान रहकर नई समस्याओं और चुनौतियों का सामना किया
जा सकता है। एशिया के कुछेक देशों में सक्रिय होती रूढ़ीवादी एवं चरमपंथी शक्तियों
के सन्दर्भ में उन्होंने प्रण किया कि अत्याचारों एवं ख्रीस्तीय विरोधी भावनाओं के कठिन
समय में भी एशिया के काथलिक धर्मानुयायी ख्रीस्त के प्रेम की उदघोषणा के प्रति समर्पित
रहेंगे। सिओल में 31 अगस्त से पाँच सितम्बर तक चले एशियाई काथिलक लोकधर्मियों के
सम्मेलन में सम्पूर्ण एशिया से लगभग 400 प्रतिनिधि एकत्र हुए थे।