2010-08-27 16:21:56

कार्डिनल कोमास्ट्री ने मदर तेरेसा द्वारा उनके पुरोहिताई की रक्षा करने का स्मरण किया


(रोम सीएनए ) कार्डिनल कोमास्ट्री ने स्मरण किया कि कैसे मदर तेरेसा नें उनके पुरोहिताई की रक्षा की। रोम स्थित सान लोरेनसो इन दमासो चर्च में गुरूवार 26 अगस्त को धन्य मदर तेरेसा की जन्म शत्मब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग की संत पेत्रुस बासिलिका के महापुरोहित कार्डिनल कोमास्तरी ने अध्यक्षता की। ख्रीस्तयाग में 20 पुरोहित सहअनुष्ठाता थे। मिशनरी औफ चारिटी धर्मसमाजी की 100 से अधिक धर्मबहनें, स्थानीय सरकारी अधिकारी और विश्वासी समुदाय शामिल हुआ। धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल मार्क ओलेट ने ख्रीस्तयाग के आरम्भ में संत पापा का संदेश पढ़ा।
कार्डिनल कोमास्त्री ने प्रवचन देते हुए स्मरण किया कि 40 वर्ष पूर्व मदर तेरेसा के साथ की गयी एक प्रतिज्ञा ने उनके पौरोहितिक बुलाहट की रक्षा की। मदर ने उन्हें सिखाया कि बिना प्रार्थना के चारिटी या उदारता का अस्तित्व नहीं रहेगा। कार्डिनल कोमास्ट्री ने अपने अस्तित्व की नींव के लिए प्रेम पर बल देते हुए एक युवा पुरोहित के रूप में मदर तेरेसा के साथ अपनी निजी मुलाकात का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि 1969 70 की अवधि में मदर से प्रत्यक्ष मुलाकात होने पर मदर तेरेसा ने निर्धारित नियमित प्रार्थना को अपर्याप्त बताते हुए निजी प्रार्थना के महत्व पर बल दिया और प्रतिदिन आधा घंटा य़ूखरिस्त की आराधना (अडोरेशन) करने को कहा था। मदर ने कहा था कि जब वे प्रार्थना करती हैं तो येसु उनके दिल में प्यार डालते हैं।
कार्डिनल कोमास्ट्री ने कहा कि उन्होंने मदर से प्रतिज्ञा की और आज वे कह सकते हैं कि इसकी बदौलत उनकी पौरोहितिक बुलाहट बच गयी। मदर ने गरीबों की सहायता की लेकिन यह सदैव येसु का प्यार था। उन्होंने धर्मग्रंथ का पठन करने पर भी बल दिया क्योंकि येसु की शिक्षा हमें स्मरण कराती है कि ईश्वर के बिना गरीबों की सेवा करने में हम गरीब हैं।
कार्डिनल कोमास्ट्री ने कहा कि इस छोटी कद वाली महिला हमें स्मरण कराती है कि उदारता और परोपकार कलीसिया की प्रेरिताई है और यह केवल तब उत्पन्न होती है जब हम प्रार्थना करते हैं।








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