पाकिस्तान को भौतिक राहत सहायता से अधिक की जरूरत है
परमधर्मपीठीय समिति कोर उन्नुम के अध्यक्ष कार्डिनल पौल जोसेफ कोरडेस ने वाटिकन रेडियो
से बातचीत करते हुए कहा है कि पाकिस्तान में व्यापक रूप से आयी बाढ़ से प्रभावित 2 करोड़
लोगों के लिए भौतिक सहायता जरूरी है लेकिन यह काफी नहीं है। उन्होंने बताया कि संत पापा
ने कारितास के माध्यम से पाकिस्तान में मानवतावादी राहत सहायता कार्यों के लिए अनुदान
भेजा है। पाकिस्तान में हाल के दशकों में आयी बाढ़ में यह सबसे व्यापक और विनाशकारी है
जिसके कारण लगभग दो हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा बाढ़ का क्षेत्र पूरे इंगलैंड
जितना हो गया है। संयुक्त राष्ट्र संघीय कार्यालय में मानवतावादी कार्यो (ओसीएचए) के
संयोजक की रिपोर्ट के अनुसार लगबग 8 लाख लोग बेघर हो गये हैं और राहत सहायता से वंचित
हैं। सिंधु नदी में जल का स्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित इलाकों का क्षेत्र बढ़ने की आशंका
है।
कार्डिनल कोरडेस ने कहा कि भौतिक सहायता दिया जाना जरूरी है लेकिन यह काफी
नहीं है। भौतिक सहायता सहानुभूति दिखाती है लेकिन यह परिस्थति को नहीं बदल सकती है। यह
मृतकों को जीवन वापस नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि धन महत्वपूर्ण है और इससे कुछ
काम किया जा सकता है लेकिन यह काफी नहीं है। यह संदेश दिये जाने की जरूरत है जो सांसारिक
जीवन से परे जाता है। इंसान की उदारता ईश्वर के प्रेम से जन्म लेती है यह कहते हुए उन्होंने
ख्रीस्तीयों से आग्रह किया कि वे इस पारलौकिक पहलू को याद रखें।
कारितास इंटरनेशनालिस
ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तान में तीन माह के आकस्मिक सहायता गतिविधियों को 6 माह
करना चाहती है और इसके लिए वह फंड के लिए की गयी आरम्भिक अपील 5.5 मिलियन डालर को दुगुणा
कर रही है। कारितास पाकिस्तान की राष्ट्रीय निदेशक अनीला गिल ने कहा कि व्यापक रूप से
लोगों को सहायता की जरूरत है और कारितास अपनी गतिविधियों को बढ़ा रही है। वर्तमान राहत
कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराये जाने का आश्वासन है लेकिन यह जरूरी है कि दिये गये धन
को राहत सामग्रियों जैसे भोजन, टेंट, जल और दवा के रूप में लोगों तक अविलम्ब पहुँचाया
जाये जिससे परिस्थिति और अधिक खराब न हो। राहत सहायता एजेंसी कारितास द्वारा खैबर पखतुनकवा,
बलूचिस्तान, पंजाब और सिंध प्रांत के लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराया जाता रहा है।