बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान के प्रति वैश्विक समुदाय के व्यवहार की कड़ी आलोचना
इस्लमाबाद, 23 अगस्त, 2010 (बीबीसी) संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान
में आई भीषण बाढ़ के प्रति वैश्विक समुदाय के व्यवहार की कड़ी आलोचना की है। संयुक्त
राष्ट्र बाल कोष के प्रमुख लुई जॉर्ज आर्सेनॉल्ट का कहना है कि पाकिस्तान में बाढ़ की
विभीषिका के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बेरुखी अभूतपूर्व है। उनका कहना था कि
पाकिस्तान में ऐसी प्राकृतिक आपदा और उससे फैली मानवीय त्रासदी पहले कभी नहीं देखी गई
लेकिन इसके प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रवैया बहुत अच्छा नहीं है. रविवार को सिंध
प्रांत में बाढ़ के पानी ने फिर तबाही मचा दी है। पहले से ही बेघर लाखों लोगों का जीवन
और दूभर हो चुका है। देश के उत्तरी इलाक़ों में राहत संस्थाएं पानी से पैदा होने वाली
बीमारियों को रोकने के लिए जी जान से संघर्ष कर रही हैं। अमरीका में अंतरराष्ट्रीय
मुद्रा कोष और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच सोमवार को बातचीत होने वाली है। इससे
पहले आर्सेनॉल्ट ने कहा कि यह बाढ़ पाकिस्तान के सामने एक भंयकर आर्थिक चुनौती लेकर आई
है जो देश के बजट और वित्तीय लक्ष्यों को उलट पुलट कर रख देगी। उनका कहना था, ‘‘इस
समय जो सबसे बड़ी चुनौती है वो ये कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रवैया इस मुद्दे पर कितना
बेरुखी वाला है। हमें बहुत मदद की ज़रूरत है लेकिन उतनी मदद नहीं मिल रही है। यह पिछले
दशकों की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।’’ अभी तक पाकिस्तान में आई बाढ़ में 1600 लोगों
की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं।सिर्फ़ सुक्कर प्रांत में चालीस लाख
लोग बेघर बताए जाते हैं।